भाजपा के आदिवासी कार्ड पर मायावती ने दिया समर्थन बीजेपी ने राष्ट्रपति पद के लिए आदिवासी कार्ड खेलकर सबको बैकफुट पर कर दिया है। ओडिशा से आने वाली आदिवासी नेता द्रौपदी मुर्मू ने भी हर राज्य में जाकर विपक्षी खेमे में बड़ी सेंध मारी कर दी है। वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन का ऐलान पहले ही कर दिया था। मायावती ने कहा कि, हमने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने का फैसला किया है. ये फैसला ना तो बीजेपी या एनडीए के पक्ष में, ना ही विपक्ष के विरोध में लिया है. ये फैसला अपनी पार्टी और आंदोलन को ध्यान में रखते हुए ही लिया है.
भाजपा, अपना दल, बसपा का वोट द्रौपदी मुर्मु को लोकभवन में आयोजित होने वाली बैठक के दौरान भाजपा के सहयोगी दल अपना दल सोनेलाल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष के भी मौजूद रहने की उम्मीद है। इनके अलावा द्रौपदी मुर्मू को बसपा अध्यक्ष मायावती ने भी समर्थन का ऐलान किया है। सपा के सहयोगी दल सुभासपा और प्रसपा का भी समर्थन आखिरी समय में द्रौपदी मुर्मू को मिलने की उम्मीद है। ऐसे में यूपी से द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति चुनाव में बड़ी बढ़त मिल सकती है।
अखिलेश यादव का यशवंत सिन्हा को सपोर्ट लेकिन शिवपाल और ओपी राजभर बिखरे विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार यशवंत सिन्हा से गुरुवार को मुलाक़ात के दौरान अखिलेश यादव ने अपने विधायकों से यशवंत सिन्हा को वोट करने के लिए कहा था। अखिलेश यादव ने यशवंत सिन्हा की औपचारिक मुलाक़ात कराने के लिए सपा विधायकों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में समाजवादी पार्टी गठबंधन के साथ निर्वाचित विधायकों के भी उपस्थित रहे।
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राष्ट्रपति चुनाव: सच साबित हुई ‘राजस्थान पत्रिका’ की खबर, अखिलेश यादव को बड़ा झटका, शिवपाल, ‘OP राजभर’ भी BJP के साथ सपा विधायकों के साथ राष्ट्रीय लोक दल और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी विधायकों के साथ भी यशवंत सिन्हा बात करके समर्थन जुटाया। अखिलेश यादव ने कहा कि, ओप राजभर इस बैठक में शामिल नहीं हुए जिस पर अखिलेश यादव ने कहा कि मैं उन्हें समझा लूँगा। हम सब एक हैं। यशवंत सिन्हा की जीत निश्चित है। लोकतन्त्र बचाने के लिए हम हर बार लड़ेंगे। जबकि सपा विधायक शिवपाल यादव लखनऊ में होने के बावजूद भी इस मीटिंग में नहीं पहुंचे।