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Yogi Government: रक्षाबंधन व जन्माष्टमी से पहले 36 लाख महिलाओं के खाते में पहुंचे 1100 करोड़ रुपये

Yogi Government Pension Scheme: उत्तर प्रदेश सरकार ने रक्षाबंधन और जन्माष्टमी से पहले राज्य की 36 लाख से अधिक निराश्रित महिलाओं को बड़ी राहत दी है। महिला कल्याण विभाग ने 2025-26 की दूसरी तिमाही के अंतर्गत 1115 करोड़ रुपये से अधिक की पेंशन राशि लाभार्थी महिलाओं के आधार से जुड़े खातों में समय से पहले भेज दी है।

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लखनऊ

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Ritesh Singh

Aug 07, 2025

Yogi Government फोटो सोर्स : Patrika

Yogi Government फोटो सोर्स : Patrika

Yogi Government Destitute Women उत्तर प्रदेशसरकार ने रक्षाबंधन और श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर से पहले राज्य की 36 लाख से अधिक निराश्रित महिलाओं को एक बड़ी राहत और सशक्तिकरण का तोहफा दिया है। महिला कल्याण विभाग के अंतर्गत चलाई जा रही निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत अगस्त के पहले सप्ताह में ही 1100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि लाभार्थी महिलाओं के आधार से जुड़े बैंक खातों में स्थानांतरित कर दी गई है। यह निर्णय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देशों के तहत लिया गया, जिसमें उन्होंने कहा था कि त्योहारी मौसम से पहले महिलाओं को आर्थिक सहायता मिलनी चाहिए, जिससे वे सम्मानपूर्वक त्योहार मना सकें और आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकें।

दूसरी तिमाही की पेंशन राशि समय से पहले वितरित

महिला कल्याण विभाग द्वारा जारी आधिकारिक बयान के अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) के अंतर्गत ₹1115.64 करोड़ रुपये की धनराशि 36,75,623 महिलाओं के बैंक खातों में अंतरित की गई है। यह भुगतान समय से पहले, अगस्त के पहले सप्ताह में ही कर दिया गया ताकि रक्षाबंधन (9 अगस्त) और जन्माष्टमी (15 अगस्त) के पूर्व महिलाएं अपनी जरूरतों की पूर्ति कर सकें।

पहली तिमाही में भी मिली थी आर्थिक सहायता

इससे पहले 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भी 35,78,111 महिलाओं को कुल ₹1062.15 करोड़ रुपये की पेंशन राशि वितरित की गई थी। महिला कल्याण विभाग की निदेशक संदीप कौर के अनुसार, "सरकार की मंशा है कि निराश्रित महिलाएं समाज की मुख्यधारा से जुड़ें और उन्हें किसी भी तरह की आर्थिक या सामाजिक हीनता महसूस न हो। इसीलिए पेंशन राशि समय से पहले दी गई है।"

क्या है निराश्रित महिला पेंशन योजना

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही निराश्रित महिला पेंशन योजना उन महिलाओं के लिए है, जिनके पति की मृत्यु हो चुकी है और जो स्वयं किसी अन्य आय का स्रोत नहीं रखतीं। इस योजना का उद्देश्य ऐसी महिलाओं को मासिक आर्थिक सहायता देकर उन्हें सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

इस योजना के अंतर्गत:

  • पात्र महिलाओं को 500 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाती है (कुछ मामलों में यह राशि अधिक भी हो सकती है)
  • लाभार्थी की आयु 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए
  • महिला के नाम कोई नियमित आय का स्रोत नहीं होना चाहिए
  • आवेदन के लिए पति का मृत्यु प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण, व स्थानीय निकाय की संस्तुति आवश्यक होती है
  • राज्य सरकार इस योजना को DBT (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से पूरी तरह पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त तरीके से संचालित कर रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि "राज्य की निराश्रित महिलाएं हमारी माताएं और बहनें हैं। उन्हें उनके अधिकार और सम्मान दिलाना हमारी जिम्मेदारी है।" इसी सोच के तहत त्योहारों से पहले ही पेंशन राशि खातों में भेज दी गई, ताकि महिलाएं आत्मनिर्भर महसूस करें और किसी के आगे हाथ फैलाने की आवश्यकता न पड़े।

लाभार्थियों में खुशी की लहर

लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, कानपुर, मेरठ और प्रयागराज समेत सभी जिलों की लाभार्थी महिलाओं में सरकार की इस पहल से खुशी की लहर है। लखनऊ की रहने वाली शांति देवी (55 वर्ष) ने कहा, “रक्षाबंधन पर पहले सोचती थी कि बच्चों को क्या दूंगी, अब भगवान योगी जी ने हमारी मदद कर दी।” इसी तरह वाराणसी की रेखा (45 वर्ष) ने बताया, “पेंशन की रकम समय से पहले मिलना बहुत बड़ी बात है। इससे न केवल खर्च आसानी से होता है, बल्कि आत्मसम्मान भी बना रहता है।”

आधार लिंकिंग से ट्रांसफर आसान

इस योजना की सबसे बड़ी विशेषता है कि यह पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी है। सभी लाभार्थी महिलाओं के बैंक खाते आधार से लिंक हैं, जिससे सरकारी धन सीधे लाभार्थियों के खातों में पहुंचता है। इससे बिचौलियों की भूमिका समाप्त हो गई है और भ्रष्टाचार की संभावना लगभग खत्म हो गई है। महिला कल्याण विभाग ने यह भी सुनिश्चित किया है कि हर जिले में ब्लॉक स्तर पर शिविर लगाकर नए पात्र लाभार्थियों का चयन हो सके और कोई भी महिला सहायता से वंचित न रहे।

आगे की तैयारी: कवरेज बढ़ाने पर फोकस

महिला कल्याण विभाग का लक्ष्य है कि आने वाले महीनों में इस योजना का दायरा और भी अधिक बढ़ाया जाए। इसके लिए राज्य स्तर पर एक विशेष सर्वेक्षण की योजना बनाई जा रही है, जिसमें ऐसी महिलाएं चिन्हित की जाएगी जो अभी तक इस योजना से जुड़ी नहीं हैं। संभावना है कि इस कवायद के बाद 5 लाख से अधिक नई महिलाओं को इस योजना से जोड़ा जाएगा।

सशक्तिकरण की ओर सकारात्मक कदम

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा समय से पहले की गई इस पेंशन भुगतान की प्रक्रिया केवल आर्थिक सहायता नहीं है, बल्कि यह नारी गरिमा, आत्मसम्मान और सशक्तिकरण की दिशा में एक ठोस प्रयास है। रक्षाबंधन और जन्माष्टमी जैसे पवित्र अवसरों पर यह पहल न केवल सामाजिक जिम्मेदारी का उदाहरण है, बल्कि एक मानवीय दृष्टिकोण को भी दर्शाती है।