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Indian Army: सेना का ‘कारवां टॉकीज’ अभियान: गांव-गांव पहुंचकर युवाओं को जोड़ रही भारतीय सेना

Karwaan Talkies: भारतीय सेना ने उत्तर प्रदेश के पिछड़े इलाकों में युवाओं को सेना में करियर के लिए प्रेरित करने हेतु ‘कारवां टॉकीज़’ नामक चार दिवसीय अभियान शुरू किया। ललितपुर से प्रारंभ हुए इस अभियान में विशेष वैन, वीडियो, संवाद और गतिविधियों के ज़रिए ग्रामीण युवाओं को सेना से जोड़ा जा रहा है।

लखनऊ

Ritesh Singh

Jul 05, 2025

भारतीय सेना का 'कारवां टॉकीज' अभियान: सुदूर ग्रामीण युवाओं के बीच जागरूकता की नई रोशनी फोटो सोर्स : Patrika
भारतीय सेना का 'कारवां टॉकीज' अभियान: सुदूर ग्रामीण युवाओं के बीच जागरूकता की नई रोशनी फोटो सोर्स : Patrika

IndianArmy Karwaan Talkies: भारतीय सेना द्वारा उत्तर प्रदेश के सुदूर और पिछड़े इलाकों में युवाओं को सेना में करियर के लिए प्रेरित करने हेतु एक अनोखी और नवाचार पूर्ण पहल की शुरुआत की गई है। इस पहल का नाम है – ‘कारवां टॉकीज़’ जन जागरूकता अभियान। इस चार दिवसीय अभियान का आयोजन 4 जुलाई से शुरू होकर ललितपुर जिले में विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा रहा है। इस जनसंपर्क एवं जागरूकता कार्यक्रम को भारतीय सेना के भर्ती निदेशालय और मुख्यालय भर्ती जोन लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में तथा एआरओ आगरा के समन्वय से आयोजित किया गया है। इसका उद्देश्य है, देश के युवाओं, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के किशोरों और युवकों को सेना की भर्ती प्रक्रिया, जीवनशैली, करियर संभावनाओं और राष्ट्र सेवा के महत्व से अवगत कराना।

पहले दिन की झलकियाँ: बिरारी और खड़ौवारा बने जागरूकता के केंद्र

अभियान के पहले दिन ऋषि राज इंटर कॉलेज, बिरारी और रघुवीर सिंह राजकीय महाविद्यालय, खड़ौवारा में बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित किए गए। इन आयोजनों में सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राओं, अभिभावकों, शिक्षकगणों और ग्रामीण समुदाय के लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम की खास बात रही, सीधे संवाद, दृश्य माध्यमों के ज़रिये संप्रेषण, और सहभागिता आधारित गतिविधियाँ, जिनके ज़रिये सेना ने युवाओं को अपने करीब लाने का प्रयास किया।

कारवां टॉकीज: एक चलता-फिरता प्रेरणा केंद्र

'कारवां टॉकीज़' नामक यह पहल वास्तव में एक विशेष रूप से डिजाइन की गई वैन के माध्यम से संचालित होती है, जो दूर-दराज़ के इलाकों तक पहुंचने में सक्षम है। यह वैन कई प्रकार के तकनीकी और दृश्य माध्यमों से सुसज्जित है, जिनमें शामिल हैं:

बड़ा एलईडी स्क्रीन

  • पब्लिक ऐड्रेस सिस्टम (माइक व साउंड सिस्टम)
  • भारतीय सेना के प्रेरक पोस्टर और बैनर
  • डॉक्यूमेंट्री फिल्में, इंटरव्यू और वास्तविक सैनिकों की कहानियाँ
  • यह वैन गांव-गांव जाकर भारतीय सेना के जीवन, अनुशासन, और उपलब्ध करियर अवसरों की झलक पेश करती है। इसका उद्देश्य न केवल जानकारी देना है, बल्कि भावनात्मक और प्रेरणात्मक जुड़ाव स्थापित करना भी है।

प्रतिनिधियों ने दी संपूर्ण जानकारी

इस आयोजन में भारतीय सेना के अनुभवी प्रतिनिधियों और अफसरों ने युवाओं से सीधा संवाद किया। उन्होंने विस्तार से बताया कि सेना में भर्ती के लिए क्या शैक्षणिक योग्यता और शारीरिक मान दंड जरूरी हैं । भर्ती प्रक्रिया में कब, कैसे और कहां आवेदन करें। लिखित परीक्षा, शारीरिक परीक्षा और मेडिकल जांच की प्रक्रिया। सेना में शामिल होने के बाद की प्रशिक्षण प्रक्रिया। कैरियर ग्रोथ, प्रमोशन, स्किल डेवलपमेंट, और जीवन बीमा जैसी सुविधाएं। प्रतिनिधियों ने युवाओं के सवालों के उत्तर दिए, उनसे प्रेरणात्मक अनुभव साझा किए और बताया कि सेना केवल एक नौकरी नहीं, बल्कि राष्ट्रसेवा और सम्मान का रास्ता है।

सहभागिता और उत्साह: क्विज़, खेल और देशभक्ति

  • कार्यक्रम को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए इंटरएक्टिव गतिविधियां भी आयोजित की गईं, जिनमें शामिल थीं:
  • सेना आधारित क्विज प्रतियोगिता
  • देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति
  • रक्षा उपकरणों के वर्चुअल डेमो
  • फिजिकल एक्टिविटीज़ और मोटिवेशनल टास्क्स
  • इन गतिविधियों में भाग लेकर छात्र-छात्राएं काफी उत्साहित नजर आए और उन्होंने कार्यक्रम के समापन पर सेना में भर्ती होने की इच्छा भी व्यक्त की।

क्यों खास है यह पहल

इस अभियान की विशेषता यह है कि यह उन ग्रामीण युवाओं तक पहुँचता है जो आमतौर पर इंटरनेट या मीडिया से दूर रहते हैं और सेना की भर्ती प्रक्रिया या करियर की जानकारी नहीं ले पाते। 'कारवां टॉकीज़' इस सूचना-असमानता को खत्म करता है और ‘सेना हर गांव तक’ के संकल्प को साकार करता है।

अगले तीन दिन की रूपरेखा

  • अभियान अभी तीन और दिन चलेगा, जिसमें ललितपुर जिले के और भी ग्रामीण इलाकों में वैन पहुंचेगी, जैसे:
  • महरौनी ब्लॉक के स्कूल
  • तालबेहट के ग्रामीण क्षेत्र
  • जंगल और पठारी इलाकों के गांव
  • सेना का लक्ष्य है कि हर वह युवा जो देशसेवा का सपना देखता है, उसे अवसर और मार्गदर्शन दोनों उपलब्ध कराए जाएं।

प्रशासन और ग्रामीणों की प्रति क्रिया

स्थानीय विद्यालयों के प्रधानाचार्य, शिक्षकों और अभिभावकों ने सेना की इस पहल की जमकर प्रशंसा की। एक ग्रामीण शिक्षक ने कहा “हमारे छात्रों ने सेना को केवल दूर से देखा था, आज सेना खुद उनके पास आई है। यह उनके लिए सपने पूरे करने का रास्ता खोलने जैसा है।” स्थानीय प्रशासन ने भी सेना के प्रयास को सहयोग देने की बात कही है और गांवों में समुचित व्यवस्था कराने में मदद की।