
बाढ़
महराजगंज. दो दिन की बरसात ने बाढ़ बचाव की पोल कर रख दी। नेपाल के पहाड़ों पर हुई बरसात से भारत सीमा से गुजरने वाली पहाड़ी नदियां व नाले उफना उठे। बरसात के शुरूआत में ही बाढ़ का रौद्र रूप दिखाई पड़ा। नदी और नालों के तटवर्ती लोग दहशत में आ गए। जर्जर बांध यदि दगा दिए तो तबाही मचना तय है।
अभी बरसात थमी हुई है इसीके साथ जिले में विभिन्न नदियों का जल स्तर भी घटा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बाढ़ का संकट टल गया। बाढ़ से तबाही की इबारत लिखने को बेताब रोहिन व राप्ती का जल स्तर बढ़ रहा है। बाढ़ नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार बुधवार को राप्ती का जल स्तर 78.340 मीटर हो गया। इसी प्रकार रोहिन का जल स्तर त्रिमुहानी के पास मंगलवार को 80.450 मीटर था तो बुधवार को यहां का जल स्तर 81.230 मीटर हो गया। इनके अलावा सभी नदियों का जल स्तर घटा है। रोहिन और राप्ती नदी के किनारे बसे गांव के लोग चिंतित है कि कही पानी का दबाव ज्यादा बढ़ा तो वे आफत के जद में आ सकते हैं। और कहीं बंधा टूटा तो भीषण तबाही मच जायेगी। प्रशासन की ओर से बंधों की सुरक्षा के लिए अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा गया है।
नदियों का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन चिंंतित
जिले से गुजरने वाली अन्य नदियां भी लबालब है। तेजी से बढ़ रहे जलस्तर सेे प्रशासन चिंंतित है। बुधवार को शाम तक नारायणी सहित अन्य नदियां अपने खतरे के निशान कुछ ही नीचे थी। नारायणी नदी का खतरे का निशान 359.80 मीटर है जबकि वर्तमान में नदी का जल स्तर 349.80 मीटर है। प्यास नदी का खतरे का निशान 102 मीटर है वर्तमान में 101.20 मीटर जल स्तर है। चंदन नदी का खतरे का निशान 101.25 मीटर है जबकि नदी का जल स्तर 100.60 मीटर है।
महाव नाले का खतरे का निशान पांच फीट है। बुधवार को यह 3.50 फीट तक रहा। डांडा नदी का खतरे का निशान 328.75 फीट है जबकि यह 326.76 फीट पर है। रोहिन त्रिमुहानी नदी का खतरे का निशान 82.44 मीटर है। बुधवार को 81.230 मीटर नदी का जल स्तर था। रोहिन भौराबारी का खतरे का निशान 79.00 मीटर है। वर्तमान में नदी का जलस्तर 77.80 मीटर है। राप्ती नदी का खतरे का निशान 80.30 मीटर है। जबकि वर्तमान में इसका जलस्तर 78.340 मीटर है। संभावित बाढ़ के खतरे के बाबत एक्सईएन सिंचाई धर्मेंद्र सिंह का कहना है बाढ़ और बांध को लेकर विभाग और प्रशासन सतर्क है। एक्सइएन के दावे के इतर देखा गया है कि प्रशासन की बाढ़ बचाव की तैयारी प्यास लगने पक कुंआ खोदने जैसी रही है।
By Yashoda Srivastava
Published on:
05 Jul 2018 01:27 pm
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