UP Mainpuri Lok Sabha Chunav Result 2024: मयन ऋषि की तपोभूमि का संसद में प्रतिनिधित्व सपा की डिंपल यादव करेंगी। निर्वाचन आयोग ने इसका फैसला सुना दिया है। मैनपुरी में तीसरे चरण में सात मई को मतदान हुआ था। इसके बाद मंगलवार सुबह 8 बजे से मैनपुरी की नवीन मंडी में मतगणना शुरू हुई। इसके साथ ही ईवीएम में कैद सभी 8 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला आना शुरू हो गया। जिन्होंने मैनपुरी सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा था। हालांकि मुख्य मुकाबला सपा और भाजपा के बीच ही देखा गया।
यहां शाम करीब पौने पांच बजे सपा प्रत्याशी और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को निर्वाचन आयोग ने 221639 मतों से विजेता घोषित किया। डिंपल यादव को कुल 598526 मत मिले हैं। जबकि 376887 मतों के साथ भाजपा के जयवीर सिंह दूसरे स्थान पर रहे। वहीं 66814 मतों के साथ बसपा के शिव प्रसाद यादव तीसरे स्थान पर रहे। मैनपुरी में सपा ने अपना गढ़ तो बचा ही लिया। इसके साथ ही यूपी की अन्य सीटों पर भी भाजपा को कड़ी टक्कर दी है।
दरअसल सपा के गठन के बाद से मुलायम की बादशाहत इस सीट पर कामय रही। कमल यहां हर बार साइकिल से रौंदा जाता रहा। 2014 और 2019 की मोदी लहर में भी ये सपाई गढ़ अडिग रहा। ऐसे में अब इस दुर्ग की कमान डिंपल यादव के हाथ में है। इस चुनाव में अगर उनकी जीत होती है तो ये दुर्ग फिर से एक बार अजेय हो जाएगा। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी को 'यादव लैंड' का एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है। यादव मतदाताओं की अधिकता की वजह से इसका नाम यादवलैंड में शामिल किया गया है। इसका असर भी मैनपुरी लोकसभा सीट के परिणाम में देखा जा सकता है।
मैनपुरी लोकसभा सीट से 1996 से 2022 तक हुए चुनावों में कोई भी सपा को हरा नहीं पाया है। चाहें किसी की भी आंधी-तूफान चला हो। साल 1996 में इस सीट से मुलायम सिंह यादव जीते थे। उसके बाद से इस सीट पर मुलायम सिंह यादव के परिवार का ही कब्जा है। उनके निधन के बाद 2022 में इस सीट पर कराए गए उपचुनाव में भी उनकी बहू डिंपल यादव इस सीट से जीती थीं। इस बार लोकसभा चुनाव में सपा ने एक बार फिर डिंपल को ही उम्मीदवार बनाया। जबकि डिंपल को चुनौती देने के लिए बीजेपी ने उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री जयवीर सिंह को मैदान में उतारा था।
मैनपुरी लोकसभा सीट दो जिलों में फैली हुई है। इसमें पांच विधानसभाएं आती हैं. मैनपुरी, भोगांव, किशनी और करहल मैनपुरी जिले की विधानसभा सीटें हैं। वहीं जसवंतनगर इटावा जिले की विधानसभा सीट है। इनमें से मैनपुरी और भोगांव में बीजेपी और बाकी की तीन सीटों पर सपा का कब्जा है। मैनपुरी में तीसरे चरण में सात मई को कराए गए मतदान में 58.73 फीसदी लोगों ने मतदान किया। अगर विधानसभा वार मतदान की बात करें तो मैनपुरी में 56.25, भोगांव में 57.42, किसनी में 60.93 और करहल में 59.57 और जसवंतनगर में 59.14 फीसदी मतदान हुआ है।
मैनपुरी में एक बार फिर डिंपल यादव के आने से सपा के लिए यहां की लड़ाई आसान हो गई है। उनका मुकाबला उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री और मैनपुरी सदर सीट से विधायक जयवीर सिंह से है। जबकि बसपा के टिकट पर शिव प्रसाद यादव मैदान में हैं। हालांकि यह उत्तर प्रदेश की एकमात्र ऐसी सीट है। जिस पर पिछले करीब तीन दशक से कोई लहर नहीं चली है। इस वजह से सपा हमेशा यहां से जीतती रही है। मैनपुरी उन पांच सीटों में शामिल है, जिसे सपा ने 2019 के चुनाव में जीता था। यहां से पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव जीते थे। उनके निधन के बाद 2022 में कराए गए उपचुनाव में उनकी बहू डिंपल यादव ने जीत दर्ज की थी।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि मैनपुरी में भाजपा आज तक जीतने का सपना पूरा नहीं कर सकी। इस बार कमल खिलाने के लिए योगी सरकार के मंत्री जयवीर सिंह को भाजपा ने माली जरूर बनाया। उन्होंने पूरे दमखम के साथ चुनाव भी लड़ा। लेकिन यहां मोदी-योगी की बिसात पर डिंपल यादव ने अपनी चाल चल दी। मतदान पर इसका असर भी दिखाई दे रहा है। मंगलवार सुबह से शुरू हुई मतगणना में डिंपल यादव लगातार आगे चलती रहीं। शाम पौने छह बजे निर्वाचन आयोग ने मैनपुरी से डिंपल यादव को विजेता घोषित किया।
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Updated on:
04 Jun 2024 05:57 pm
Published on:
04 Jun 2024 04:08 pm