
,,,,
मंडला. विश्व प्रसिद्ध कान्हा नेशनल पार्क एक अक्टूबर से पर्यटकों के लिए खुल जाएगा। इसी दौरान एक सप्ताह की त्यौहारों के चलते छुट्टी भी पड़ने वाली हैं। पहले सप्ताह में ही ऑनलाइन टिकट की बुकिंग फुल हो चुकी है। इस बार पार्क के तीनों गेट एक ही दिन में खोले जाएंगे। पूर्व में मुक्की और खटिया गेट पहले खोले जाते थे इसके कुछ दिन बाद बाकि बिछिया की ओर सरही गेट सैलानियों के लिए खोला जाता था। पार्क खोलने के लिए कान्हा प्रबंधन ने पिछले एक माह पहले से ही तैयारियां शुरू कर दी है। इसमें जंगल के अंदर बने अस्थायी पुलों में सुधार कार्य आने-जाने वाले मार्ग में साफ-सफाई सहित अन्य जरूरी तैयारियां की जाती हैं। कान्हा नेशनल पार्क के क्षेत्र संचालक ने बताया कि कान्हा नेशनल पार्क में हर साल देशी और विदेशी सैलानी बड़ी संख्या में पहुंचते हैं, उन्हें पार्क भ्रमण में किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए पार्क के अंदर आने-जाने वाले मार्ग की साफ-सफाई सहित अस्थायी पुलों में सुधार कार्य कराया गया है।
केन्द्रीय टीम ने किया भ्रमण
कान्हा टाइगर रिजर्व के संचालक ने बताया कि हाल ही में एक विशेष केन्द्रीय टीम द्वारा कान्हा नेशनल पार्क का भ्रमण किया गया है। इस टीम ने पार्क क्षेत्र में सैलानियों को मिलने वाली सुविधाओं के साथ वन्य प्राणियों की सुरक्षा को लेकर किए गए इंतजाम आदि को देखा है। कुछ दिनों के बाद कान्हा पार्क को उचित व्यवस्थाओं को लेकर ग्रेडिंग दी जाएगी। संचालक ने बताया कि इस विशेष टीम द्वारा सभी नेशनल पार्कों का चार साल में निरीक्षण किया जाता है। पिछली बार कान्हा नेशनल पार्क को प्रदेश के 50 रिजर्व पार्कों में दूसरी रैंक मिली थी। कान्हा टाइगर रिजर्व कार्यालय से मिली जानकारी अनुसार पिछली बार कान्हा नेशनल पार्क आने वाले सैलानियों को पार्क भ्रमण के लिए दी गई टिकट से करीब 12 करोड़ रुपए का राजस्व प्राप्त हुआ था। चूंकि पिछले सत्र में कोरोना का असर रहा है जिसके चलते कुछ बंदिशे भी लगी थी और पर्यटकों की संख्या कम रही। पिछले सत्र में जहां 2 लाख 10 हजार देशी पर्यटकों ने कान्हा भ्रमण किया था वहीं विदेशी पर्यटकों की संख्या 25 सौ पहुंच गई थी। इस सत्र में प्रबंधन को अधिक राजस्व मिलने की उम्मीद है, कोरोना का ज्यादा असर नहीं है।
रिसोर्ट संचालकों को विशेष निर्देश
कान्हा नेशनल पार्क के अंतर्गत दर्जनों की संख्या में रिसोर्ट, हॉटल संचालित हो रहे हैं। पूर्व में देखा गया है कि इन रिसोर्ट में होने वाले विभिन्न आयोजनों में काफी तेज साउंड में डीजे बजाया जाता था। इन रिसोर्ट से निकलने वाले कचरे का समुचित प्रबंधन नहीं किया जाता था जिसके चलते वन्य प्राणियों की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते थे। यह पर्यावरण की दृष्टि से भी हानिकारक साबित हो रहा था। जिसे देखते हुए इस बार प्रबंधन ने सभी रिसोर्ट संचालकों को ध्वनि, पानी, हवा से जुड़े प्रदूषण को रोकने के लिए समुचित कदम उठाने के लिए निर्देशित किया है। रिसोर्ट से निकलने वाले कचरे का भी उचित प्रबंधन के लिए कहा गया है। कान्हा नेशनल पार्क के आसपास के 5 किमी के दायरे में आने वाले गांवों के लोगों द्वारा ईको समिति बनाई गई है जिन पर वन्य प्राणियों की सुरक्षा आदि की जिम्मेदारी होती है। सूत्रों के अनुसार कान्हा प्रबंधन के मार्गदर्शन में यहां 120 ईको समितियां बनाई गई हैं। जानकारी अनुसार हर साल कान्हा पार्कआने वाले पर्यटकों से प्रबंधन को जो आय होती है उसका करीब 30 प्रतिशत इन समितियों को दिया जाता है पिछले साल करीब 4 करोड़ की राशि दी गई थी। इस राशि का उपयोग समितियों द्वारा गांव में सड़क, पानी आदि की व्यवस्था में उपयोग करने की बात कही जाती है। सूत्रों के अनुसार इस राशि का उपयोग प्रबंधन की समुचित निगरानी नहीं होने से उचित तरीके से उपयोग नहीं हो रहा है।
पुरानी जिप्सियां हटाईं गई
नेशनल पार्क के अंदर सैलानियों को पार्क प्रबंधन में पंजीकृत जिप्सियों से ही भ्रमण कराया जाता है ताकि इन वाहनों से वन्यजीवों को किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। प्रबंधन के अनुसार पर्यटकों को भ्रमण कराने के लिए करीब 120 जिप्सियां पंजीकृत हैं इनमें ऐसे वाहन जो 8 साल से अधिक पुराने हो गए थे उनका पंजीयन समाप्त कर दिया गया है। लगभग सभी वाहन नए लगाए गए हैं।
Published on:
29 Sept 2022 09:42 pm
बड़ी खबरें
View Allमंडला
मध्य प्रदेश न्यूज़
ट्रेंडिंग
