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जीएसटी में कमी का फायदा ग्राहकों को पहुंचाएं : अधिया

नोटबंदी प्रणाली को शुद्ध करने तथा काले धन पर काबू पाने के लिए लागू की गई थी।

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hasmukh adhia

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नई दिल्ली. केंद्रीय वित्त सचिव हसमुख अधिया ने शनिवार को कहा कि सरकार ने प्रणाली को शुद्ध करने तथा काले धन पर काबू पाने के लिए नोटबंदी लागू की थी। अधिया ने कहा कि नोटबंदी प्रणाली को शुद्ध करने तथा काले धन पर काबू पाने के लिए लागू की गई थी। उन्होंने आगे कहा कि लोगों ने घरों में बहुत सारी नकदी छुपा रखी थी, नोटबंदी उन छुपी हुई नकदी को मुख्य बैंकिंग प्रणाली में लेकर आ गई। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में अधिया ने कहा कि बड़ी कंपनियों के लिए यह अनिवार्य है कि करों में कमी से हुए फायदे को वे ग्राहकों तक पहुंचाएं।

नकदी को बैंकिंग प्रणाली में ला दिया
अधिया ने कहा कि लोगों ने बहुत सारी नकदी अपने घरों में छिपाई हुई थी, जिससे केवल वे लक्जरी वस्तुएं ही खरीदते थे। नोटबंदी ने उन नकदी को बैंकिंग प्रणाली में ला दिया और अब इसका इस्तेमाल लोगों को कर्ज देने में किया जाएगा। भारत सरकार ने साल 2016 में आठ नवंबर को नोटबंदी लागू की थी और 500 रुपए और 1000 रुपए के नोट को प्रचलन से बाहर कर दिया था।

तो बड़ी कंपनियों को पकड़ेंगे
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के बारे में अधिया ने कहा कि बड़ी कंपनियों के लिए यह अनिवार्य है कि करों में कमी से हुए फायदे को वे ग्राहकों तक पहुंचाएं। अधिया ने कहा कि हमने बड़े सामानों पर अब कर कम कर दिया है। अगर हमें कोई विसंगति दिखाई देती है तो हम छोटे खुदरा विक्रेताओं को नहीं पकड़ेंगे, बल्कि हम बड़ी कंपनियों को पकड़ेंगे।

संशोधित रेट के स्टीकर लगाएं
अधिया ने कहा कि कंपनियों को अपने प्रोडक्ट पर संशोधित रेट के स्टीकर लगाने चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले रेस्त्रां अपने ग्राहकों से यह कहकर ज्यादा पैसा वसूलते थे कि उनसे 18 फीसदी जीएसटी वसूला जा रहा है। लेकिन अब ग्राहक जानता है कि सरकार केवल 5 फीसदी कर ही वसूल कर रही है। वित्त सचिव का यह बयान कई वस्तुओं पर जीएसटी की दर घटाने के १० दिन बाद आया है।

नेशनल एंटी प्रॉफिटरिंग अथॉरिटी की जल्द घोषणा होगी
अधिया ने यह भी कहा कि नेशनल एंटी प्रॉफिटरिंग अथॉरिटी की एक हफ्ते में घोषणा कर दी जाएगी। वहीं जीएसटी को लेकर मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन ने कहा कि आने वाले दिनों में जीएसटी के तहत टैक्स की श्रेणियों में कमी की जा सकती है। सुब्रमण्यन ने जीएसटी में 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की श्रेणियों को मिलाकर एक श्रेणी बनाने की बात कही है।