
Crude oil price will affect Delhi Assembly elections 2020!
नई दिल्ली। खाड़ी में टेंशन पर अमरीका की नरमी का असर क्रूड ऑयल के दाम ( Crude Oil Price ) में दिखना शुरू हो गया है। वहीं ईरान का रुख भी सख्त नहीं दिखाई दे रहा है। अगर ऐसे ही हालात आगे भी दिखाई देते हैं तो आने वाले दिनों में क्रूड ऑयल की कीमतों में और गिरावट देखने को मिल सकती है। बीते चार दिनों की बात करें तो 7 जनवरी से अब तक ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम ( Brent Crude Oil Prices ) 6 डॉलर प्रति बैरल कम हो चुका है। वहीं डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल के दाम ( WTI Crude Oil Price ) भी समान अवधि में करीब 3 डॉलर सस्ते हो चुके हैं। संकेत साफ है कि आने वाले दिनों में भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम ( Petrol Diesel Prices ) सस्ते हो सकते हैं। यह वह दौर होगा जब देश की राजधानी दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 ( Delhi Assembly Elections 2020 ) का प्रचार जोरों पर होगा। अब सवाल ये है कि क्या क्रूड ऑयल के दाम सस्ते होने की वजह से पेट्रोल और डीजल के दाम में आने वाली गिरावट क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में असर डालेंगे? क्या इस दौरान एक नया ऑयल वॉर देखने को मिलेगा? आइए जानने का प्रयास करते हैं...
4 दिनों में 6 डॉलर सस्ता हुआ ब्रेंट क्रूड ऑयल
पहले बात इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड ऑयल की करें तो चार दिनों में ब्रेंट क्रूड 6 डॉलर सस्ता हो चुका है। 7 जनवरी को ब्रेंट क्रूड 71 डॉलर के पार चा गया था। जिसके बाद दामों में लगातार गिरावट देखने को मिली। 71 डॉलर दाम जाने के बाद कहा जा रहा था कि जिस तरह का माहौल खाड़ी में बना हुआ है, उसके बाद ब्रेंट क्रूड 75 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकता है। लेकिन अमरीका के नरम रुख की वजह से ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम में लगातार गिरावट देखने को मिली। अगर बात आज की करें तो 65.26 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है।
ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम में लगातार गिरावट
| तारीख | ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम ( डॉलर प्रति बैरल में ) |
| 10 जनवरी | 65.26 |
| 9 जनवरी | 65.42 |
| 8 जनवरी | 69.21 |
| 7 जनवरी | 71.11 |
करीब 3 डॉलर सस्ता हुआ डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल
वहीं बात डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल की करें तो 7 तारीख के बाद से करीब 3 डॉलर की कमी देखने को मिली है। बात आज की करें तो न्यूयार्क मर्केटाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर अमरीकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई के फरवरी अनुबंध में 0.32 फीसदी की गिरावट के साथ 59.37 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। वहीं 7 जनवरी की बात करें तो यही दात 62.70 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच चुके थे। जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों भी इसी तरह के नरम हालात बने रहे तो इसमें और भी गिरावट देखने को मिल सकती है।
डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल के दाम भी हुआ सस्ता
| तारीख | डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल के दाम ( डॉलर प्रति बैरल में ) |
| 10 जनवरी | 59.37 |
| 9 जनवरी | 59.48 |
| 8 जनवरी | 59.61 |
| 7 जनवरी | 62.70 |
भारत में पेट्रोल और डीजल होगा सस्ता
जानकारों की मानें तो क्रूड ऑयल के दाम में जब भी गिरावट देखने को मिलती है तो भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम में भी असर देखने को मिलता है। यह बात बेहद कम लोगों को पता है कि अगर इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल सस्ता होता है तो उसका असर दो हफ्तों के बाद यानी 15 दिनों के बाद देखने को मिलता है। इसका कारण है उसका ट्रांसपोर्टेशन से लेकर पेट्रोल और डीजल में कंवर्ट करने तक का समय। जिसमें 15 दिन लग जाते हैं। अगर 10 जनवरी को क्रूड ऑयल सस्ता होगा तो उसका असर 24-25 जनवरी तक दिखाई देगा। यह पूरी तरह से ऑयल कंपनियों पर निर्भर करता है। अगर कंपनियां सस्ते क्रूड ऑयल का फायदा जनता देना चाहती हैं तो पेट्रोल और डीजल के दाम कम कर सकती हैं, वर्ना मुनाफा कमाने के लिए बढ़ोतरी जारी भी रख सकती हैं।
फरवरी में दिल्ली विधानसभा के होंगे चुनाव
अगर ऑयल कंपनियां पेट्रोल और डीजल के दाम 24 जनवरी के बाद से सस्ता करना शुरू करती है तो वो समय दिल्ली विधानसभा चुनावों में प्रचार का होगा। जिसका फायदा हर पॉलिटिकल फायदा लेना चाहेगी। वैसे भी देश की राजधानी दिल्ली में पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार इजाफा हो रहा है। जिसकी वजह से दिल्ली के लोग बढ़ती महंगाई से काफी परेशान हैं। पेट्रोल और डीजल के दाम सस्ते होंगे तो देश के लोगों को काफी राहत मिलेगी। जिसका असर विधानसभा चुनावों में भी देखने को मिल सकता है। आपको बता दें 26 दिनों में पेट्रोल के दाम में गिरावट देखने को नहीं मिली है। इस दौरान दौरान 11 दिनों तक पेट्रोल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ। बाकी 15 दिनों में इजाफा होने से 1.33 पैसे प्रति लीटर पेट्रोल महंगा हुआ। वहीं डीजल की कीमत की बात करें तो 24 नवंबर को आखिरी बार डीजल सस्ता हुआ था। उसके बाद 48 दिनों में से 23 दिनों तक डीजल के दाम स्थिर देखने को मिले हैं। वहीं बाकी 25 दिनों में डीजल 3.26 रुपए महंगा हो गया है।
ऑयल कंपनियों पर भी बनता है पॉलिटिकल दबाव
वहीं दूसरी ओर चुनाव के समय पेट्रोल और डीजल के दाम में कटौती देखने को मिलती है। अब से दो साल पहले कर्नाटक के चुनावों के दौरान में पेट्रोल और डीजल के दाम में लगातार कटौती देखने को मिली। विपक्षी दलों की ओर से सरकार पर आरोप लगाए थे कि चुनाव पर असर डालने के लिए सरकार ऑयल कंपनियों पर दबाव बनाकर पेट्रोल और डीजल के दामों को जानबूझकर सस्ता किया जा रहा है। जिसका सरकार के साथ ऑयल कंपनियों ने भी खंडन किया था। लेकिन इस बात से कतई इनकार नहीं किया जा सकता है कि ऑयल कंपनियों पर पॉलिटिकल दबाव बनाकर पेट्रोल और डीजल के दामों में कम कराया जाता है।
Updated on:
10 Jan 2020 02:23 pm
Published on:
10 Jan 2020 02:01 pm
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