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Festivals पर Chinese Products से मुक्त होंगे राजधानी के बाजार, जानिए क्या कहते हैं जानकार

राखी के त्यौहार पर देसी राखियों का रहेगा बोलबाला, Toys Market हुआ सतर्क कारोबारियों ने Chinese Toys, Lighting के सामान के नए Order देना बंद किया

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Delhi markets will be free from Chinese goods on festivals

नई दिल्ली। चीन से आयातित सस्ते खिलौनों और राखियों में ( Chinene Toys And Rakhi ) इस्तेमाल होने वाले सामान समेत अन्य लुभावने सामान से शायद इस साल त्योहारी सीजन ( Festiwal Season ) में देश का बाजार नहीं सज पाएगा, क्योंकि चीनी उत्पादों के प्रति लोगों का रुझान कम हो गया है। यही वहज है कि देश के कारोबारियों ने चीन से खिलौने ( Chinese Toys ), लाइटिंग के सामान ( Chinese Lighting Goods ) के नए ऑर्डर देना बंद कर दिया है। गलवान घाटी की घटना के बाद भारत और चीन के रिश्तों में आई खटास को देखते हुए देश के कारोबारी चीन से नए आयात के ऑर्डर देने में सतर्कता बरत रहे हैं।

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देसी राखियों से सजेगा बाजार
दिल्ली के सदर बाजार के राखी विनिर्माता व थोक कारोबारी मगन जैन के अनुसार राखी में इस्तेमाल होने वाली चमकीली चीजें अब चीन से नहीं आ रही हैं, इसलिए चीनी एसेसरीज से बनी राखियां इस बार रक्षाबंधन पर ग्राहकों को नहीं लुभाएंगी। उन्होंने कहा कि जिस किसी कारोबारी ने काफी पहले ही मंगा रखा है या जिसके पास पहले का स्टॉक बचा हुआ है, वही चीनी सामान का इस्तेमाल राखी बनाने में कर पाएगा, लेकिन ग्राहकों की दिलचस्पी इस बार बिल्कुल देसी राखियों में है।

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खिलौना बाजार भी हुआ सतर्क
त्योहारी सीजन में आमतौर पर खिलौने की मांग बढ़ जाती है, जिसकी पूर्ति के लिए कारोबारी सीजन शुरू होने से पहले चीन से सस्ते खिलौने मंगाते थे, लेकिन इस बार नए ऑर्डर देने से पहले वे सतर्कता बरत रहे हैं। ट्वॉय एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट अजय अग्रवाल कि देश में खिलौने का रिटेल कारोबार करीब 18,000-20,000 करोड़ रुपए का है, जिसमें करीब 75 फीसदी आयात चीन से होता है।

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सितंबर से नए नियम होंगे लागू
कारोबारी बताते हैं कि चीन से खिलौने का आयात रुकने की एक बड़ी वहज भारत सरकार द्वारा इस साल फरवरी में जारी खिलौना, गुणवत्ता नियंत्रण का आदेश भी है, जो आगामी एक सितंबर से प्रभावी होगा। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत आने वाले उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा 25 फरवरी, 2020 को जारी आदेश के अनुसार, खिलौने पर भारतीय मानक चिह्न् यानी आईएस मार्क का प्रयोग अनिवार्य होगा। हालांकि यह नियम न सिर्फ आयातित, बल्कि घरेलू उत्पाद पर भी लागू होगा।अग्रवाल ने कहा कि यह आदेश हालांकि घरेलू कारोबार पर भी लागू होगा, लेकिन चीन से आयात घटने से घरेलू कारोबार बढ़ेगा, क्योंकि कारोबारियों को एक लेवल-प्लेइंग फील्ड मिल जाएगा।

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घरेलू खिलौना कारोबार बढ़ेगा
दिल्ली-एनसीआर के खिलौना कारोबारी और प्लेग्रो ट्वॉयज ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर मनु गुप्ता ने कहा भी कहा कि देश में खिलौना कारोबार बढऩे से अकुल श्रमिकों, खासतौर से महिलाओं को रोजगार मिलेगा। गुप्ता ने कहा कि चीन से खिलौने का आयात रुकने से लंबी अविध में घरेलू खिलौना उद्योग फलेगा-फूलेगा, जिससे मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा मिलेगा। जबकि अल्पावधि में यह भी संभव है कि छोटे-छोटे रिटेल कारोबारी इस कारोबार से बाहर हो जाएं, क्योंकि वेरायटी के हिसाब से 80 फीसदी खिलौने चीन से ही आते हैं।