
नई दिल्ली। मंगलवार को वित्त मंत्री अरूण जेटली ने प्रेस कॉनफ्रेंस में पिछले तीन सालों में देश की अर्थव्यवस्था को लेकर रिपोर्ट कार्ड पेश की। प्रेस कॉन्फ्रेंस में अरूण जेटली अर्थव्यवस्था से जुड़ी कई मुद्दो पर बात करते हुए कहा कि, देश का आर्थिक ढांचा मजबूत है और हम आने वाली चुनौतियों से निपटने में सक्षम हैं। अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री के साथ कई बैठकें हुईं। पिछले कुछ दिन में कई अंतराष्ट्रीय संस्थाओं ने लगातार भारत की वृद्धि दर के अनुमान में कटौती की हैं। आईएमएफ और विश्व बैंक समेत कई संस्थाओं इसके लिए पिछले साल किए गए नोटबंद और जीएसटी को जिम्मेदार ठहराया है। पब्लिक सेक्टर बैंको की हालात सुधारने के लिए कैबिनेट ने 2 लाख 11 हजार करोड़ रुपए के पीएसबी कैपिटलाइजेशन प्लान को मंजूरी दी हैं।
अर्थव्यवस्था में तेजी के लिए हर संभव प्रयास करेगी सरकार
जेटली ने कहा कि सरकार ने ये तय कर लिया गया है कि अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास करेगी। विकास दर और महंगाई दर में कमी होने के बावजूद भी विदेशी पूंजी निवेश बढक़र 400 बिलियन डॉलर हुआ। जीएसटी पर बोलते हुए उन्होने कहा कि, ये एक सबसे बड़ा सुधार है और इसके लागू होने के बाद से भ्रष्टाचार में कमी आई है। साथ ही नोटबंदी पर भी उन्होने अपनी पीठ थपथपाते हुए कहा कि, इसके बाद काले धन पर नकेल कसने में कामयाबी हासिल हुई हैं।
वैश्विक स्तर पर भारत में विश्वास बढ़ा
जेटली ने आगे कहा कि, जहां तेजी से जरूरत होगी, वहां तेजी से काम होगा। पिछले तीन साल में महंगाई दर में कमी आई हैं, वहीं इसी अवधि में देश का विकास मे तेजी भी आया हैंं। जीडीपी का औसत भी 5.7 फीसदी रहा हैं। उन्होने आगे बताया कि , वैश्विक स्तर पर भारत में विश्वास बढ़ा हैं, हमारी अर्थव्यवस्था की बुनियादी ढांचा काफी मजबूत हैं।
इस दौरान वित्त सचिव ने एक प्रेेजेंटेशन भी दिया। इसमें अर्थव्यवस्था से जुड़े मौजूदा परेशानियों और उनके खिलाफ द्वारा लिए गए कदमों के बारें में जानकारी भी दी गई। पे्रेजेंटेशन में ये भी बताया गया कि, सरकार का फोकस बैंको को मजबूत करने पर हैं। इसके साथ ही विकास के जरिए रोजगार भी पैदा किया जाएगा। फिलहाल पब्लिक सेक्टर बैंक्स बढ़े हुए एनपीए और कर्ज के बोझ से दबे हुए हैंं।
आर्थिक रिपोर्ट में इन बातों पर जोर दिया गया
1. जीएसटी टैक्स व्यवस्था में सबसे बड़ा सुधार, वहीं नोटबंदी से कालेधन पर नकेल कसने में कामयाबी। जीएसटी से भ्रष्टाचार में कमी आई।
2. विदेशी पंूजी निवेश बढक़र 400 बिलियन डॉलर हुआ
3. भारत के चालू खाता घाटा नियंत्रण में।
4. अन्य देशों में से व्यापार बढ़ाने में आसानी, बॉर्डर के करीब भी बुनियादी विकास को रफ्तार देने जुटी है सरकार
आपको बता देंं की आज ही वित्त मंत्री ने ट्वीट करके बताया था कि, अगस्त-सितंबर माह के जीएसटी रिटर्न लेट भरने वाले लोगों का लेट फीस माफ किया जाएगा। यदि किसी ने लेट फीस के साथ जीएसटी रिटर्न भर दिया है तो उसे वापस किया जाएगा।
Published on:
24 Oct 2017 06:06 pm
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