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सोना सस्ता होने के कारण
कमोडिटी बाजार के जानकार बताते हैं कि अमरीका में रोजगार के अच्छे आंकड़े आने से डॉलर में आगे भी मजबूती बनी रह सकती है। सर्राफा बाजार विशेषज्ञ बताते हैं कि कोरोना टीकाकरण अभियान की प्रगति और दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां पटरी पर लौटने से वैश्विक अर्थव्यवस्था में रिकवरी के मिलने से निवेश के सुरक्षित साधन सोना के बजाय निवेशकों का रुझान बेहतर रिटर्न देने वाले इंस्ट्रमेंट के प्रति बढ़ा है, जिससे बुलियन बाजार में सुस्ती बनी हुई है।
कितना सस्ता हो चुका है सोना
भारतीय वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर शुक्रवार को सोने का भाव 44217 रुपए प्रति 10 ग्राम तक टूटा, जबकि पिछले साल सात अगस्त में सोने का भाव एमएसीएक्स पर 56,191 रुपए प्रति 10 ग्राम तक चढ़ा था। एमसीएक्स पर चांदी का भाव बीते सप्ताह 64,790 रुपए प्रति किलो तक टूटा। वहीं, अंतर्राष्ट्रीय बाजार कॉमेक्स पर सोने का भाव शुक्रवार को 1,683 डॉलर प्रति औंस तक टूटा, जबकि पिछले साल अगस्त में कॉमेक्स पर सोने का भाव 2,089.20 डॉलर प्रति औंस तक उछला था।
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कितनी और आ सकती है गिरावट
कमोडिटी बाजार के जानकार अनुज गुप्ता बताते हैं कि सोने का भाव अगले सप्ताह 1,680 से 1,670 डॉलर प्रति औंस तक टूट सकता है, जबकि चांदी में 24 डॉलर प्रति औंस का लेवल देखने को मिल सकता है। इसका मतलब साफ है कि आने वाले दिनों में भारतीय बाजारों में सोने की कीमत में 1500 रुपए प्रति दस ग्राम की और गिरावट देखने को मिल सकती है। चांदी का भाव 4000 रुपए प्रति किलोग्राम और कम हो सकता है। आपको बता दें कि बीते सप्ताह के आखिरी सत्र में कॉमेक्स पर सोने का अप्रैल अनुबंध 1,698 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ था, जबकि चांदी का मई अनुबंध 25.28 डॉलर प्रति औंस पर बंद हुआ था।