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आपूर्ति कम होने से आयातक देशों के लिए परेशानी
लंदन में हुए का काॅन्फ्रेंस में बरकिंडो ने कहा कि आेपेक देश आैर उसके संगठन इस बात के लिए आश्वस्त करना चाहते हैं कि बाजार में कच्चे तेल की अापूर्ति कम नहीं होगी। इसके लिए हम प्रतिबद्घ हैं। बताते चलें कि अमरीका द्वारा र्इरान पर प्रतिबंध से पहले अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बीते चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बाद आयातक देशों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही दक्षिण अमरीकी देश वेनेजुएएला से भी होने वाली सप्लार्इ में भी बाधा से तेल की सप्लार्इ पर असर देखने को मिल रहा है।
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रूस ने भी कहा- आपूर्ति बनाए रखेंगे
कच्चे तेल की सप्लार्इ में कमी अाने से भारत के घरेलू बाजार में असर देखने को मिल रहा है। इससे भारत ही नहीं बल्कि दूसरी उभरती अर्थव्यवस्थाएं भी प्रभावित हो रही हैं। कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से डाॅलर की मांग में तेजी देखने को मिल रही है, जिस वजह से रुपए में गिरावट दर्ज की जा रही है। आेपेक देशों में सऊदी अरब कच्चे तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है। कुछ दिन पहले ही रूस ने भी कहा है कि वह तेल उत्पादन में हो रही कमी को पूरा करने के लिए अतिरिक्त उत्पादन कर रहे हैं। हालांकि ट्रेडर्स इस बात के लिए चिंतित हैं कि सऊदी अरब उत्पादन आैर मांग में संतुलन बनाए रखने के लिए अपेक्षित तत्परता से जरूरी कदम नहीं उठा रहा है।