13 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

24 घंटे में मुकेश अंबानी को दूसरा बड़ा झटका, Reliance- Saudi Aramco डील पर लटकी तलवार

मुकेश अंबानी ( Mukesh Ambani ) को एक और करारा झटका Reliance- Aramco के 15 बिलियन डॉलर सौदेपर तलवार लटक रही है कोरोना की वजह से घटी क्रूड ऑयल की डिमांज

2 min read
Google source verification

image

Pragati Vajpai

Jul 16, 2020

Mukesh Ambani

Mukesh Ambani

नई दिल्ली : बुधवार को 43वीं रिलायंस सालाना मीटिंग ( Reliance Annual General Meeting ) के बाद रिलायंस के शेयरों ( Reliance Share Price ) में बिकवाली देखने को मिली। नतीजा 3 दिन पहले दुनिया के 6ठें अमीर आदमी बन चुके रिलायंस इंडस्ट्री ( ( Reliance Industries Limited )के चेयरमैन मुकेश अंबानी ( Reliance Industries Chairman Mukesh Ambani )2 स्थान खिससकर 8वें स्थान पर पहुंच चुके हैं। कहानी यहीं खत्म यही नहीं होती बल्कि मुकेश अंबानी को एक और करारा झटका मिल सकता है।

Steve Ballmer से बढ़ा Mukesh Ambani का फासला, अरबपतियों की सूची में 10वें नंबर पर आए

सूत्रों की मानें तो Reliance- Saudi Aramco deal पर तलवार लटक रही है. Saudi Aramco ने Reliance से एक बार फिर से कंपनी की वैल्युएशन की डिमांड की है। स्प्ष्ट शब्दों में कहें तो रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिडेट (आरआईएल) की ऑयल-टू-कैमिकल (ओटूसी) कारोबार में से 20 फीसदी हिस्सेदारी सउदी अरामको को बेचने को लेकर चल रही बातचीत रूक गई है। इसके पीछे कोविड-19 को वजह माना जा रहा है. बताया जा रहा है कि कोरोना की वजह से ऑयल एसेट्स की ग्लोबल वैल्यूएशन में कमी आई है, इसी वजह से अरामको चाहता है कि रिलायंस इस डील को दोबारा से देखें। अगर ये डील कैंसिल होती है तो ये रिलायंस के लिए एक बड़ा झटका होगा ।

15 बिलियन डॉलर का है सौदा-

Reliance- Saudi Aramco के बीच 15 बिलियन डॉलर का सौदा होना है जो इस साल मार्च में पूरा हो जाना था । इस सौदे के तहत रिलायंस 20 फीसदी हिस्से को Saudi Aramco को बेच रहा है। मुकेश अंबानी ने खुद इस सौदे की घोषणा की थी ।

अंबानी ने ये सौदा मुख्य रूप से कर्ज से मुक्ति पाने के लिए किया था लेकिन देरी को देखते हुए रिलायंस इंडस्ट्रीज ( Reliance Industries ) ने जियो प्लेटफॉर्म्स ( Reliance Jio ) में हिस्सेदारी बेचकर 1.52 लाख करोड़ रुपए जुटा लिए हैं। फिलहाल कंपनी ने खुद को कर्ज मुक्त कर लिया है लेकिन इसके लिए रिलायंस जियो को अपने लगभग 39 फीसदी हिस्सेदारी को बेचना पड़ा है।