
Trump card won't run on Crude Oil prices in 2020
नई दिल्ली।यूएस ईरान टेंशन ( us Iran tension ) के बीच क्रूड ऑयल के दाम ( crude oil price ) थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। वहीं ओपेक देशों की ओर से एक जनवरी 2020 से 5 मिलियल बैरल प्रति दिन के हिसाब से क्रूड ऑयल का प्रोडक्शन ( crude oil production ) कम किया हुआ है। ऐसी ही कटौती ओपेक देशों से 1 जनवरी 2019 को थी। वो कटौती 12 मिलियल बैरल प्रति दिन के हिसाब से थी। यानी इस साल कुल 17 मिलियन बैरल क्रूड ऑयल प्रति दिन के हिसाब से क्रूड ऑयल का प्रोडक्शन कम होगा। पिछले साल अमरीकी ऑयल के प्रोडक्शन और अमरीका चीन ट्रेड वॉर ( us china trade war ) के बीच मांग में कमी की वजह से क्रूड ऑयल के दाम स्थिरता की ओर रहे। अब सवाल ये है कि क्या इस बार अमरीकी तेल भंडार ( American Oil Reserves ) दुनिया के लिए खुले रहेंगे? यह सवाल इसलिए जरूरी हो गया है कि क्योंकि अमरीका में ऑयल का प्रोडक्शन कम हुआ है और इस बार बार यूएस चीन ट्रेड डील भी फाइनल होने वाली है। ऐसे में मांग में इजाफा होगा। जिसकी वजह से क्रूड ऑयल के दाम में उछाल देखने को मिलेगा।
क्या नहीं चल पाएगा ट्रंप कार्ड
जब अमरीकी राष्ट्रपति ने ईरान और वेनेजुएला पर प्रतिबंध लगाया था तब दुनिया इस बात से संशंकित हो गई थी कि आखिर उन्हें क्रूड ऑयल की आपूर्ति कैसे होगी? तब इंटरनेशनल मार्केट में डिमांड ज्यादा होने के कारण क्रूड ऑयल उत्पादक देशों की ओर से दाम बढ़ा दिए थे। उसके बाद अमरीका ने अपने तेल भंडारों को खोल दिया था। जिसकी वजह से क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट देखने को मिली। इस बार का सिनेरियो थोड़ा अलग है। इंटरनेशनल मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार 2020 में अमरीका में क्रूड ऑयल प्रोडक्शन का अनुमान कम आंका गया है। आंकड़ों की मानेें तो इस साल क्रूड ऑयल प्रोडक्शन 1 मिलियन मिलियन बैरल प्रति दिन के हिसाब से हो सकता है। जबकि 2019 में औसतन प्रोडक्शन 1.6 मिलियन बैरल प्रति दिन के हिसाब से था। मतलब साफ है 2020 में दुनिया के क्रूड ऑयल की कीमतों पर अमरीकी दखल कम होगा या फिर ना के बराबर हो जाएगा।
मिडिल ईस्ट के लिए है यह अच्छी खबर
दुनिया में क्रूड ऑयल का सबसे ज्यादा प्रोडक्शन मिडिल ईस्ट के देश करते हैं। जिसे संयुक्त अरब अमिरात, सउदी अरब, कुवैत, ईरान, ईराक और बाकी देश भी है। जिनका अपना संगठन ओपेक भी है। जो डिसाइड करता है कि वो कितना प्रोडक्शन कम करेंगे और कितना ज्यादा। उनके साथ रूस भी है। ऐसे में अमरीकी क्रूड ऑयल को लेकर आई यह खबर ओपेक देश और रूस के लिए काफी अच्छी हो सकती है। जब ओपेक देशों को इस बात का कंफर्मेशन मिल जाएगा कि अमरीकी क्रूड ऑयल का प्रोडक्शन कम हो गया है तब ओपेक और सहयोगी रूस क्रूड ऑयल के प्रोडक्शन और उसकी की कीमतों को लेकर ठोस कदम उठा पाएंगे।
क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट
केडिया कमोडिटीज के डायरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि 2018 में इंटरनेशनल क्रूड ऑयल के प्राइस 80 डॉलर तक गए थे। 2020 में भी 78 डॉलर के आसपास तक जा सके। इसका एक कारण ईरान टेंशन तो है ही, साथ अमरीकी क्रूड ऑयल में स्लोडाउन भी है। जबकि 2019 में अमरीकी ऑयल के प्रोडक्शन में काफी इजाफा देखने को मिला था। वहीं इस इजाफे की वजह से स्थानीय स्तर पर भी क्रूड ऑयल 5000 रुपए के स्तर को पार करता हुआ दिखाई दे रहा है। जिसकी वजह से वजह से डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार नीचे आ रहा है। आने वाले दिनों में रुपया डॉलर के मुकाबले 75 रुपए के आसपास दिखाई दे सकता है।
इस साल जीयो पॉलिटिकल टेंशन बनेगी बड़ी वजह
वहीं एंजेल ब्रोकिंग कमोडिटी एंड रिसर्च के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता के अनुसार पिछले साल क्रूड ऑयल के दामों पर ट्रेड वॉर का असर ज्यादा देखने को मिल रहा था। प्रोडक्शन कम होने के बाद भी क्रूड ऑयल के दाम 65 डॉलर के आसपास बने हुए थे। इसका मुख्य कारण था डिमांड में कमी। इस साल अमरीका और चीन की ट्रेड डील और ईरान टेंशन की वजह से प्रोडक्शन कम और डिमांड में इजाफा होगा। जिसकी वजह से क्रूड ऑयल के दाम में इजाफा होगा। जिसका असर स्थानीय स्तर पर पेट्रोल और डीजल के दाम में देखने को मिल सकता है।
क्रूड ऑयल के दाम 70 डॉलर के पार
मौजूदा समय में ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 70 डॉलर के पार चले गए हैं। सोमवार इंटरनेशनल मार्केट में ब्रेंट क्रूड ऑयल के दाम 70.17 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया है। वहीं डब्ल्यूटीआई क्रूड ऑयल के दाम 64.33 डॉलर प्रति बैरल के पर आ गया है। जानकारों की मानें तो आने वाले दिनों में क्रूड ऑयल की कीमत 75 डॉलर को भी पार कर सकती है। वहीं एमसीएक्स की बात करें तो भारतीय बाजार में 17 जनवरी अनुबंध के अनुसार के क्रूड ऑयल का भाव 4642 रुपए देखने को मिल रहा है।
Updated on:
06 Jan 2020 03:56 pm
Published on:
06 Jan 2020 12:35 pm
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