मथुरा की लोकसभा सीट ऐसी है जहां भाजपा को 2014 में एक दशक बाद जीत मिली। यहां 1991 में स्वामी साक्षी महाराज, 1996 में चौधरी तेजवीर सिंह, 1998 में चौधरी तेजवीर सिंह और 1999 में चौधरी तेजवीर सिंह ने भारतीय जनता पार्टी का झंडा बुलंद किया। वहीं 2004 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के मानवेन्द्र सिंह ने यहां जीत हासिल की तो 2009 के लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोक दल से जयंत चौधरी ने बड़े अंतर से जीत हासिल की। मोदी लहर में लोकसभा चुनाव 2014 में हेमा मालिनी ने 5,74,633 वोट हासिल कर सभी का गणित बिगाड़ दिया था। यहां दूसरे स्थान पर रालोद से जयंत चौधरी 2,43,890 वोट ला सके थे। लेकिन, यदि सवर्ण खफा हुए तो हेमा मालिनी का गणित सब मिलकर बिगाड़ देंगे।
मथुरा की कुल जनसंख्या 4,25,749 है। मथुरा की सीट पर वर्तमान में कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा है। इस सीट पर उन्होंने 143,361 वोट से कांग्रेस के प्रदीप माथुर को हराया था। कांग्रेस को 42,200 वोट मिले थे। वहीं बहुजन समाज पार्टी के योगेश कुमार 31,168 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे तो रालोद के अशोक अग्रवाल को 29,080 मत प्राप्त हुए।
छाता विधानसभा में कुल 3,24,533 मतदाता हैं। इस सीट पर चौधरी लक्ष्मी नारायण ने 117,537 वोट से जीत हासिल की थी। उन्होंने अतुल सिंह एसपी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी को जिन्हें 53,699 वोट मिले थे हराया था।
मांट विधानसभा में कुल 3,07,750 मतदाता हैं। यहां से बहुजन समाज पार्टी के श्याम सुंदर शर्मा ने रालोद के योगेश चौधरी को हराया था। रालोद को 65,430 वोट मिले वहीं श्याम सुंदर शर्मा ने 65,862 वोट से जीत हासिल की। यहां भारतीय जनता पार्टी तीसरे स्थान पर रही थी। सतीश कुमार शर्मा बीजेपी को 59,871 मत प्राप्त हुए।
गोवर्धन विधानसभा सीट पर कुल मतदाता की संख्या 2017 के आंकड़ों के हिसाब से 2,99,067 है। इस सीट पर कमल खिला था। यहां से करींदा सिंह 93,538 वोट से विधायक चुने गए। उन्होंने राज कुमार रावत बीएसपी को हराया था। बसपा को यहां 60,529 मत प्राप्त हुए। वहीं रालोद के नरेंद्र सिंह 40,999 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे।
बल्देव सुरक्षित सीट पर 3,37,025 मतदाता हैं। यहां भाजपा के पूरन प्रकाश विधायक है। पूरन प्रकाश को चुनाव में 88,411 वोट से जीत हासिल हुई। निरंजन सिंह रालोद से दूसरे स्थान पर रहे। रालोद के निरंजन सिंह को 75,203 वोट मिले थे। बसपा के प्रेमचंद 53,539 लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।