प्रतिदिन निकलने वाले हजारों गाय के गोबर को पहले प्लांट के अंदर फीड किया जाता है और फिर उसके बाद उसके गैस को कपड़े के बड़े-बड़े बॉक्स में लाया जाता है। जनरेटर के माध्यम से यहां पर हर रोज इतनी बिजली बनाई जाती है कि किसी समय बिजली जाने पर 300 यूनिट तक या उससे अधिक की बिजली पूर्ति गोबर गैस प्लांट से की जा सके।
लगातार महंगी होती बिजली के साथ आय दिन होने वाली समस्यों से इन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता है। यूपी में सैकड़ों बड़ी गौशालाएं हैं। अगर वहां भी इस तरह गोबर का उपयोग करें तो भविष्य में लोगों के सामने बिजली महंगाई के साथ बिजली की किल्लतों को दो-चार नहीं होना पड़ेगा।