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4 सितंबर को राधा अष्टमी का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। राधाष्टमी के पर्व को देखते हुए राधा रानी के पैतृक गांव रावल मैं भी विकास की गंगा बहा दी गई। वहीं रावल जाने मार्ग का हाल तो देखिए जनाब। यहां सड़क में गड्ढा है या गड्ढों में सड़क है आप खुद ही नहीं पहचान पाएंगे।
रावल जाने वाले मार्ग को गड्ढा मुक्त करने के लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई। जिम्मेदारी मिलने के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग का 56 इंच का सीना चौड़ा गया। सड़क को गड्ढा मुक्त किया जा रहा है, लेकिन यहां मानकों को विपरीत रखते हुए सड़क पर खानापूर्ति की जा रही है। गांव के स्थानीय लोगों का आरोप है किस सड़क को गड्ढा मुक्त करने में कोताही बढ़ती जा रही है।
डामर जैसा दिखने वाला 'काला तेल' सड़क बनाने में उपयोग किया गया है। यहां ना तो सड़क की सफाई की गई और मिट्टी के ऊपर ही हल्की सी गिट्टी की चादर बिछाकर उसे रोड रोलर से दबा दिया गया। ग्रामीण सड़क को अच्छी तरह से गड्ढा मुक्त करने की दुहाई देते रहे और पीडब्ल्यूडी के के कान पर जूं नहीं रहेंगी।
गाँव वालों का कहना है कि, यहां के अधिकारियों और कर्मचारियों को ना तो कुछ सुनाई देता है और ना ही पैच वर्क में कोताही दिखाई देती है। रोड को गड्ढा मुक्त करा रहे एक पीडब्ल्यूडी कर्मचारी से बात की गई। कोई भी पीडब्ल्यूडी का कर्मचारी संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। अब ऐसे में भले ही सड़क बनाने का कार्य पीडब्ल्यूडी विभाग का हो लेकिन धरातल पर देखा जाए तो स्थिति इसके जस विपरीत ही नजर आती है।
पीडब्ल्यूडी के अधिशासी अभियंता सनस वीर सिंह से फोन पर बात की गई तो उन्होंने बड़े सहज और सख्त लहजे से रोड बनाने की बात कहीं। उन्होंने अपने सीने को गर्व से चौड़ा करते हुए पीडब्ल्यूडी के कार्यों को गिना दिया। अधिशासी अभियंता सनस वीर से जब इस बारे में पूछा गया, उन्होंने अपनी झुंझलाहट दिखाते हुए उल्टा पत्रकार को बोल दिया कि, सड़क बनाने का काम हम आप से बेहतर जानते हैं। आप कीजिए।
Published on:
02 Sept 2022 06:24 pm
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