8 December 2025,

Monday

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

वृंदावन में बन रहे दुनिया के सबसे ऊंचे चंद्रोदय मंदिर पर संकट के बादल

-एनजीटी ने निर्माण रोकने की याचिका पर 31 जुलाई तक मांगा जवाब -चन्द्रोदय मंदिर की छत से आगरा का ताजमहल दिखाई देगा

2 min read
Google source verification
Chandroday mandir

Chandroday mandir

मथुरा। यमुना तट पर वृंदावन में बनाए जा रहे दुनिया के सबसे ऊंचे चन्द्रोदय मंदिर पर संकट के बादल मँडरा रहे हैं। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्सिसनेस) और केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्ल्यूए) को नोटिस जारी किया है। 31 जुलाई तक जवाब मांगा है। इस्कॉन की योजना है कि मंदिर का निर्माण 2022 तक पूरा हो जाए। 2014 में उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंदिर का शिलान्यास किया था। मथुरा की सांसद और प्रसिद्ध फिल्म अभिनेत्री हेमा मालिनी ने भूमिपूजन किया था।

यह भी पढ़ें

ताजमहल को लेकर 16 जुलाई को दिल्ली में बैठक, उससे पहले कमिश्नर ने दिये खास निर्देश

क्या है मामला

पर्यावरण एक्टिविस्ट मणिकेश चतुर्वेदी ने राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में याचिका दायर कर चंद्रोदय मंदिर के निर्माण पर रोक लगाने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि यमुना किनारे बनाए जा रहे 70 मंजिली मंदिर से पर्यावऱण को हानि होगी। साथ ही भूजल पर असल पड़ेगा। याचिका में कहा गया है कि मंदिर की ऊंचाई 700 फुट है। निर्माण क्षेत्र 5.40 लाख वर्गफुट होगा। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण अध्यक्ष आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिका पर गंभीर रुख अपनाते हुए नोटिस जारी किया है।

यह भी पढ़ें

जैन विद्वान डॉ. राजीव जैन से सुनिए इस्लाम में सद्भावना संदेश

चन्द्रोदय मंदिर की विशेषता

मंदिर की ऊंचाई 202 मीटर

दिल्ली के कुतुबमीनार से तीन गुना ऊंचा होगा

500 करोड़ रुपये की लागत

पांच एकड़ में बनेगा

कुल 70 मंजिल होंगी

मिस्र के पिरामिड (ऊंचाई 128.8 मीटर) और वेटिकन के सेंट पीटर्स बैसोलिका (128.6 मीटर) से भी ऊंचा।

दुनिया की सबसे ऊंची इमारतों में 12वें स्थान पर होगा।

मंदिर की छत से आगरा का ताजमहल नजर आएगा

511खंबे होंगे, जिन पर पांच लाख टन वजन होगा।

भूकंप से मंदिर झुक भी गया तो लिफ्ट सीधी चलती रहेगी।

लिप्ट दो सेकेंड में आठ मीटर चलेगी।

मंदिर 55 मीटर गहरा होगा, जबकि दुबई के बुर्ज खलीफा इमारत की गहराई 50 मीटर है।

श्रद्धालुओं को द्वापर युग की झलक देखने को मिलेगी। मंदिर परिसर में 12 वन बनाए जाएंगे। ये पूरी तरह कृष्णकालीन लगेंगे।

पहले तीन तलों पर चैतन्य महाप्रभु, राधा, कृष्ण, बलराम के मंदिर होंगे।

यह भी पढ़ें

ताजमहल को बचाना है तो ये करे सरकार


बड़ी खबरें

View All

मथुरा

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग