
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मथुरा। सन 1870 में बने मथुरा जिला कारागार के फांसी घर मेंकरीब 74 वर्ष से किसी महिला कैदी को फांसी नहीं दी जा सकी है। यह उत्तर प्रदेश का एकमात्र महिला फांसी घर है। लेकिन अब सुगबुहागट तेज हो गई हैं कि अपने 7 परिजनों की हत्या करने वाली अमरोहा निवासी शबनम को यहां फांसी दी जाएगी, जो कि फिलहाल रामपुर जेल में बंद है। फांसी देने वाला और कोई नहीं, निर्भया कांड के आरोपियों को फंदे पर लटाने वाला पवन जल्लद ही शबनम को फांसी देगा। इसके लिए बकायदा तैयारियां भी तेज हो गई हैं।
दरअसल, मेरठ के रहने वाले पवन जल्लाद ने बताया कि मेरठ जेल प्रशासन ने उसे मथुरा भेजा था, जहां पर उसने महिला फांसीघर का निरीक्षण किया। फांसी घर धूल और मकड़ी के जालों से भरा हुआ था। उसे पहले तो साफ करवाया गया और फिर लीवर और लकड़ी के पटरे को चेक किया गया,। लकड़ी के साल का वर्गा, लीवर, लकड़ी के तख्त और मनीला सन का फंदा समेत रस्सा की व्यवस्था करने की बात जेल प्रशासन से उसके द्वारा कही गई है।
पवन ने बताया कि जिस रस्से पर शबनम को लटकाया जाएगा, उस रस्से का व्यास एक इंच का होगा और 24 फीट लंबा रहेगा। रस्सा बक्सर से मंगाया जा रहा है। दो रस्से मगाए जाएंगे। एक शबनम के लिए और दूसरा उसके प्रेमी के लिए। दोनों की कीमत 36 सौ रुपये है। काेर्ट से शबनम की फांसी की तारीख तय होते ही जेल के फांसीघर में एक ट्रायल कराया जाएगा। शबनम के वजन के बराबर का मिट्टी से भरा बोरा फंदा पर लटका दिया जाएगा। देश में आजादी के बाद पहली बार किसी महिला को होगी फांसी।
निर्भया के दोषियों को लटकाकर बनाया रिकॉर्ड
उल्लेखनीय है कि पवन जल्लाद ने ही 21 मई को सुबह चार बजे दिल्ली की तिहाड़ जेल में निर्भया कांड के चार दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाया था। पवन के नाम अब तक चार फांसी एक साथ देने का रिकॉर्ड है। उनकी कई पीढ़ियां इस पुश्तैनी काम को करती रही हैं। अब अगर वह शबनम को फांसी देते हैं तो यह भी एक नया रिकॉर्ड उनके नाम जुड़ जाएगा। हालांकि इसके लिए अभी कॉर्ट का अंतिम ऑर्डर आना बाकी है।
Published on:
20 Feb 2021 05:07 pm
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