
शबनम
पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क
मथुरा .सात हत्या करने की दोषी शबनम ( Shabnam ) को मथुरा के फांसीघर में फांसी दी जाएगी। देश आजाद होने के बाद यह पहला मामला है जब किसी महिला को फांसी दिए जाने के आदेश हुए हैं। यही कारण है कि शबनम केस पूरे देश में सुर्खी बना हुआ है। वर्तमान में शबनम उत्तर प्रदेश की रामपुर जिला जेल में बन्द है। जबकि शबनम को फांसी मथुरा जेल का फांसी घर में दी जाएगी। अब जेल अधीक्षक ने अमरोहा के जिला जज को पत्र लिखकर शबनम का डेथ वारंट भिजवाए जाने की बात कही है। जेल प्रशासन का कहना है कि डेथ वारंट आने के बाद ही कार्यवाही की जाएगी।
अब तक की प्रगति की बात करें ताे मथुरा के पवन जल्लाद ने फांसीघर का निरीक्षण कर लिया है लेकिन अभी तक जिला जज से जेल अधीक्षक को डेथ वारंट नहीं पहुंचा है और इसीलिए अब अधीक्षक ने जिला जज को पत्र लिखकर डेथ वारंट दिए जाने की बात कही है। आपको बता दें कि अमरोहा की जिला अदालत ने 15 जुलाई 2010 को शबनम के मामले को रेयर मामला बताते हुए कहा था कि यह लाखों में एक केस है और इस आधार पर अदालत ने शबनम को फांसी की सजा सुनाई थी। शबनम की ओर से हाईकोर्ट में जिला अदालत के इस फैसले को चुनौती दी गई और अपील की गई इस अपील पर हाईकोर्ट में 3 वर्ष तक सुनवाई हुई जिसके बाद 4 मई 2013 को हाईकोर्ट ने भी इस फैसले को सही माना और शबनम की अपील को खारिज कर दिया।
हाईकोर्ट से अपील खारिज होने के बाद शबनम के वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी सुप्रीम कोर्ट ने भी वर्ष 2013 से 2015 तक शबनम के केस में सुनवाई चलती रही 2 वर्षों तक चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने भी जिला अदालत और हाईकोर्ट के फैसले को सही माना और 15 मार्च 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने भी शबनम की फांसी की सजा बरकरार रखी और अपना फैसला सुना दिया। इसके बाद शबनम की ओर से राष्ट्रपति को पत्र लिखकर दया याचिका मांगी गई। 11 अगस्त 2016 को राष्ट्रपति ने भी शबनम की दया याचिका को खारिज कर दिया इसके बाद एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट में शबनम के वकील की ओर से पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी गई। 23 जनवरी 2020 को एक बार फिर से सुप्रीम कोर्ट ने शबनम की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया और इसके बाद यह मामला 6 मार्च 2020 को रामपुर जेल पहुंचा।
कोरोना की वजह से लोग डाउन हो गया और इस बीच शबनम की फांसी टल गई लेकिन अब एक बार फिर से शबनम का मामला सुर्खियों में है और उसे फांसी की सजा के मुताबिक फांसी दी जानी है। शबनम रामपुर जेल में है और वह दूसरे कैदियों की तरह रह रही है जेल अधीक्षक का कहना है कि अभी तक उनके पास कोविड-19 वारंट नहीं आया है। डेथ वारंट आने के बाद ही फांसी की सजा तय की जाएगी।
Updated on:
20 Feb 2021 07:16 pm
Published on:
20 Feb 2021 07:12 pm
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