
संभल और वाराणसी में मंदिर मिलने के बाद अब ब्रज में लापता मंदिरों की तलाश की जाएगी। अब कृष्ण-कन्हैया की लीला-स्थली ब्रज में भी गुमनाम या लापता मंदिरों की तलाश की जाएगी। यूपी पर्यटन निदेशालय की ओर से मुख्यमंत्री टूरिज्म फेलोशिप कार्यक्रम के तहत सिलेक्ट होने वाले शोध छात्रों को ये काम करने का मौका मिलेगा। प्रदेश सरकार ऐतिहासिक पृष्ठभूमि वाले मंदिरों-देवालयों को पर्यटक स्थलों के रूप में विकसित करेगी। फेलोशिप के तहत पर्यटन, संस्कृति और इतिहास से जुड़े क्षेत्र में शोध किया जाएगा।
जिलाधिकारी, मंडलायुक्त तथा पर्यटन विभाग के अधिकारी के पर्यवेक्षण में कार्य करते हुए विभिन्न राज्यों एवं देशों द्वारा की जाने वाली नवीन गतिविधियों का अध्ययन करना तथा उनके क्रियान्वयन संबंधी सुझाव भी शोध छात्र, विभाग को देंगे। बीए/एमए/एमफिल/पीएचडी इन टूरिज्म एण्ड ट्रैवल मैनेजमेंट, एमबीए इन हॉस्पिटैलिटी टूरिज्म एंड ट्रैवल, पीजी डिप्लोमा इन ट्रैवल एंड टूरिज्म, पर्यटन एवं पुरातत्व में डिग्री/डिप्लोमा वाले छात्रों को ये मौका दिया जाएगा।पर्यटन क्षेत्र में विकास के लिये छात्र नए-नए आइडिया भी देंगे। रिसर्च के बाद ज्ञात होने वाले मंदिर, देवालय, कुंड, ऐतिहासिक स्थलों की शैली और प्राचीनता के बारे में पता करेंगे। तीर्थ यात्रियों, देसी/विदेशी पर्यटकों के आंकड़े एकत्रित कर उनकी शिकायतों का निराकरण भी कराएंगे।
ब्रज के कई ऐतिहासिक, पौराणिक स्थल और पुराने मंदिर हैं जिसके बारे में तलाश की जाएगी। कार्य पर्यटन निदेशालय ने ये काम शोध छात्रों को सौंपा है। प्रदेश भर के लिए अभी 25 शोध छात्रों का चयन चल रहा है। इनमें से कुछ लोगों को ब्रज में लापता मंदिरों की तलाश करने का मौका दिया जाएगा।
Published on:
19 Dec 2024 12:51 pm
बड़ी खबरें
View Allमथुरा
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
