
मेरठ। दो अप्रैल को भारत बंद के दौरान कचहरी परिसर में हुई आगजनी, तोड़फोड़ और लूटपाट में उपद्रवियों का साथ देने के आरोप में अधिवक्ताओं की मंगलवार को आम सभा हुई। इसमें पांच वकीलों की मेरठ बार काउंसिल की सदस्यता अाजीवन समाप्त कर दी गई। इनमें एक महिला वकील भी शामिल है। निर्णय मेरठ बार एसोसिएशन की आम सभा में लिया गया। जिन सदस्यों की सदस्यता समाप्त की गई है, उनको 15 दिन के अंदर अपना पक्ष रखने का समय दिया गया है। आपको बता दें कि तोड़फोड़ और आगजनी के मामले में मायावती के खास बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
वकीलों ने खोल दिए थे कचहरी के गेट
एसएसी-एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भारत बंद के समर्थन में हुआ प्रदर्शन हिंसा में बदल गया था। मेरठ में उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया। कचहरी, कलक्ट्रेट और विश्वविद्यालय में दलित समर्थकों ने हंगामा किया। इस बीच मेरठ में वकीलों के गुट ने इस बंद का समर्थन करते हुए 2 अप्रैल को कचहरी के बंद गेट को उपद्रवियों के लिए खोल दिया था। इसके परिणामस्वरूप उपद्रवी युवक कचहरी परिसर में घुस गए और वाहन फूंक दिए और आगजनी की। कचहरी में हुई हिंसा के बाद प्रदर्शकारियों और भारत बंद का साथ देने वाले वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग मंगलवार को प्रमुखता से उठी।
15 दिन में रख सकते हैं पक्ष
मेरठ बार एसोसिएशन ने आम सभा में प्रदर्शनकारियों का साथ देने का आरोपी मानते हुए पांच वकीलों की सदस्यता समाप्त कर दी। आम सभा ने कचहरी में घटना और गोलीबारी का दोषी पाए जाते हुए जिन वकीलों को निष्काषित किया है, उनमें नेपाल सिंह सागर, धर्मसिंह सत्यपाल, प्रवीन कुमार भारती, अनिल कुमार, रमेश चंद्र गुप्ता और सुरेश चंद्रा शामिल हैं। शोर-शराबे के चलते सभा को दो बजे स्थगित कर दिया गया था। फिर तीन बजे आम सभा बुलाई गई, जिसमें यह निर्णय लिया गया। इसके साथ ही आठ सदस्यीय समिति बनाई है। इनके समक्ष निष्काषित होने वाले वकील 15 दिन में अपना पक्ष रखेंगे। मेरठ बार एसोसिएशन के महामंत्री सुबोध कुमार शर्मा का कहना है कि जिन अधिवक्ताओं को निकाला गया है, इन लोगों ने उपद्रवियों का साथ दिया था। आम सभा में इनका निष्कासन किया गया है।
इस तरह से शुरू हुआ कचहरी में उपद्रव
दलित समुदाय के कुछ वकील अंबेडकर चैराहे पर चल रहे धरने को समर्थन देने के लिए मौके पर पहुंच गए। इस दौरान उन्होंने कचहरी के गेट खुलवा दिए। उनके साथ कुछ उपद्रवी कचहरी में घुस गए और तोड़फोड़ करने लगे। वकीलों ने इसका विरोध किया तो उपद्रवियों ने उन पर हमला कर दिया। इसके बाद वकीलों ने भी मोर्चा संभाल लिया। छात्रों और आम लोगों की मदद से उन्होंने उपद्रवियों का सामना किया। कुछ देर में पुलिस भी पहुंची और फिर जवाबी फायरिंग कर उपद्रवियों को खदेड़ा गया। एएसपी सत्यपाल, सिविल लाइन थानेदार नीरज मलिक ने अत्याधुनिक हथियारों के साथ मोर्चा संभाला और हवाई फायरिंग कर उपद्रवियों को पीछे हटने पर मजबूर किया।
Published on:
04 Apr 2018 09:38 am
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