scriptकोरोना वायरस के बाद अब दवाओं के रिएक्शन से ब्लैक फंगस कर रहा हमला, जनिए लक्षण | After Corona, Black Fungus is now attacking Lugs and eye | Patrika News

कोरोना वायरस के बाद अब दवाओं के रिएक्शन से ब्लैक फंगस कर रहा हमला, जनिए लक्षण

locationमेरठPublished: May 11, 2021 06:46:57 pm

Submitted by:

shivmani tyagi

गुजरात Gujrat और महाराष्ट्र Maharashtra के बाद अब मेरठ Meerut में ब्लैक फंगस Black Fungus के मामले सामने आए हैं यह फंगस कोरोना मरीजों को ठीक होने के बाद अपनी चपेट में ले रहा है. आशंका जताई जा रही है कि यह दवाओं का रिएक्शन है. इससे फेफड़े lungs weak और दिमाग पर असर हाे रहा है।

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पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ. कोरोना के मरीजों Active corona patient की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी उनकी परेशानियां कम नहीं हो रही। कोरोना से ठीक हुए मरीजों को अब दूसरी बीमारियां भी घेर रही हैं। यह दूसरी बीमारी काली फफूद यानी ब्लैक फंगस Black Fungus है जो कि कोरोना से ठीक हुए मरीजों After corona virus को संक्रमित कर रहा है। अभी तक ब्लैक फंगस के केस गुजरात और महाराष्ट्र में ही देखे जा रहे थे लेकिन अब ये यूपी के शहरों में भी पाए गए हैं। मेरठ, मुजफ्फरनगर और बिजनौर में कोरोना से ठीक हुए मरीजों में ब्लैक फंगस की शिकायत पाई गई है।
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गढ़ रोड स्थित एक अस्पताल में दो मरीज इसी बीमारी का इलाज कराने के लिए भर्ती हुए हैं। इन मरीजों का इलाज करने वाले चिकित्सक संदीप गर्ग ने बताया कि कोरोना से ठीक हुए मरीज म्यूकर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस या काली फफूंद से संक्रमित पाए गए हैं। कोरोना की पहली लहर के दौरान ऐसे मरीजों की संख्या देश में बहुत कम थी। उन्होंने बताया कि समुद्र तटीय राज्यों महाराष्ट्र और गुजरात में खासतौर पर म्यूकर माइकोसिस के केस बढ़ रहे हैं। ये अधिकतर कोरोना संक्रमण से ठीक हुए मरीजों को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। उन्होंने बताया कि कोरोना का इलाज करने के दौरान स्ट्राइड के ज्यादा इस्तेमाल से और शुगर बढ़ने के कारण आंख में बहुत ज्यादा सूजन आ जाती है यह इसका मुख्य लक्षण है। मरीजों की एक-एक आंख बुरी तरह से सूज जाती हैं।
दिमाग, फेफड़े प्रभावित कर सकता है ब्लैक फंगस
ब्लैक फंगस या म्यूकर माइकोसिस फंगस की वजह से होने वाला दुर्लभ संक्रमण है। इंसान की नाक और बलगम में भी ये पाया जाता है। इससे साइनस, दिमाग, फेफड़े प्रभावित होते हैं। ये डायबिटीज के मरीजों या कम इम्युनिटी वाले लोगों, कैंसर या एड्स के मरीजों के लिए घातक भी हो सकता है। ब्लैक फंगस में मृत्यु दर 50 से 60 प्रतिशत तक होती है।
ये होते हैं ब्लैक फंगस के लक्षण
बीमारी में मरीज की नाक का बहना, चेहरे का सूजना, आंखों के पीछे वाले हिस्से में दर्द, खासी, मुंह के न भरने वाले छाले, दातों का हिलना और मसूड़ों में पस पड़ना आदि लक्षण दिखते हैं। ब्लैक फंगस को अक्सर कोविड के इलाज के दौरान दी गई दवाओं का साइड इफेक्ट माना जाता है।
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