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कालसर्प दोष के लिए युवक जिंदा नाग ले आया घर, फिर एक घंटे की पूजा में यह हुआ!

मेरठ के हस्तिनापुर क्षेत्र की इस घटना की चारों आेर चर्चा

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कालसर्प दोष के लिए युवक जिंदा नाग ले आया घर, फिर एक घंटे की पूजा में यह हुआ!

केपी त्रिपाठी, मेरठ। कालसर्प दोष जिसकी कुंडली में होता है, उसके सभी काम बिगड़ जाते हैं। ज्योतिषाचार्य और पंडित लोग इस दोष को दूर करने के तरह-तरह के उपाय बताया करते हैं। इन्हीं उपायों में से एक प्रमुख उपाय होता है नाग-नागिन के जोड़े की पूूजा कर उनको बहते जल में प्रवाहित करना या फिर किसी मंदिर में रख आना या पंडित को दान देना। जाहिर है लोग जीवित नाग-नागिन की तो पूजा करेंगे नहीं तो पूजा करने के लिए लोहे के या फिर धातु के नाग-नागिन का जोड़ा बनवा लिया जाता है और उसकी पूजा की जाती है, लेकिन अपने ऊपर से कोई कालसर्प दोष दूर करने के लिए जीवित नाग ले आए और उसके साथ ऐसा करे तो न तो पंडित की हिम्मत होगी पूजा करवाने की और न ही परिजनों की। जीवित नाग के सामने एक घंटे बैठने की, लेकिन मेरठ के हस्निापुर में एक युवक ने अपने परिजनों के साथ ऐसा ही किया।

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धातु के नाग-नागिन की जगह जिंदा नाग

हस्तिनापुर निवासी ओमकार को पंडित ने बताया कि उसकी कुंडली में कालसर्प दोष है। इस दोष को दूर करने के लिए वह धातु के नाग-नागिन का जोड़ा लाए और उसके ऊपर अभिषेक करके उनको बहते पानी में छोड़ आए। ओमकार का कहना है कि उसने सोचा क्यों न असली सांप को खरीदा जाए और उसकी पूजा कर उसे बहते पानी में छोड़ा जाए, लेकिन समस्या थी कि असली सांप की पूजा करवाए कौन। इसके लिए भी उसने एक पंडित को तैयार किया और अपने परिजनों को भी।

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1100 रुपये में सपेरे से खरीदा

वह हस्तिनापुर के पास सपेरों के एक गांव में गया और वहां उसने एक सपेरे से संपर्क किया। सपेरा नाग देने को तैयार हो गया। सपेरे ने उसके लिए ओमकार से करीब 1100 रूपये लिए। यह भी तय हुआ कि जब तक नाग की पूजा होगी सपेरा वहीं बैठा रहेगा, जिससे कि नाग कहीं जा न पाए या किसी को नुकसान न पहुंचा सके।

एक घंटे एेसे हुई पूजा

ओमकार ने बीती सोमवार को कालसर्प दूर करने के लिए जीवित नाग पर अभिषेक किया। इसके लिए सर्वप्रथम जीवित नाग को एक बड़े बर्तन में रखा गया और पंडित ने मंत्र पढ़े। इस दौरान घर के सभी लोग उपस्थित रहे। करीब एक घंटे चली इस पूजा में पूरी पूजा के दौरान नाग फन उठाकर खड़ा रहा। कई बार नाग ने वहां पर बैठे लोगों को फुंकारने की कोशिश की, लेकिन बस इतने ही तक वह सीमित रहा। नाग ने पूरी पूजा के दौरान किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया। ओमकार के पूरे परिवार ने कालसर्प की पूजा की और नाग पर अभिषेक किया। पूजा के बाद ओमकार ने नाग पंडित के माध्यम से सपेरे को दान कर दिया। हस्तिनापुर कस्बे में जीवित नाग की इस तरह की पूजा चर्चा बनी हुई है। वहीं इस पूजा का वीडियो भी बनाया गया। जो खूब वायरल हो रहा है।