
मेरठ. बिना वर्दी दबिश देना नौचंदी पुलिस को भारी पड़ गया। मोहल्ले के लोगों ने पुलिसकर्मियों को घेर लिया और पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट करते हुए गाड़ी में भी तोड़फोड़ कर दी। इसकी जानकारी आलाधिकारियों को लगी तो हड़कंप मच गया। मौके पर अन्य थानों का फोर्स भेजा गया, तब जाकर स्थिति को काबू में किया जा सका। कानपुर में विकास दुबे प्रकरण के बाद भी जिला पुलिस ने कोई सबक नहीं लिया। जबकि डीजीपी के सख्त आदेश हैं कि बिना वर्दी और पूरी प्रोटेक्शन के साथ ही दबिश या छापेमारी की कार्रवाई की जाए।
दरअसल, यह घटना देर रात लिसाड़ी गेट थाना क्षेत्र की है। जहां पर नौचंदी पुलिस ने दबिश के दौरान बड़ी लापरवाही की। दबिश देने के लिए टीम बिना वर्दी के ही पहुंच गई। इसके चलते ही आरोपी ने बदमाशों का शोर मचा दिया था। आसपास के लोगों ने पुलिस टीम को बदमाश समझकर घेर लिया और गाड़ी में भी तोडफ़ोड़ कर दी। इस दौरान पुलिसकर्मियों के साथ भी मारपीट की गई। हालांकि पुलिसकर्मी चिल्लाते रहे कि वे पुलिस वाले हैं, लेकिन भीड़ ने उनकी एक नहीं सुनी। बाद में पुलिस दो युवकों को पकड़कर ले आई।
शुक्रवार को नौचंदी पुलिस को लूट के आरोपितों के बारे में सूचना मिली। इस पर रात को सिपाही बिना वर्दी के लिसाड़ी गेट की जाकिर कालोनी पहुंचे। उन्होंने लूट का सामान खरीदने के आरोपित नदीम उर्फ मुखिया पुत्र सलीम को पकड़ लिया। बताया गया कि उसने बदमाशों का शोर मचा दिया, जिस पर आसपास के लोग घरों से निकल आए और टीम का घेराव कर दिया। कुछ लोगों ने टीम से धक्का-मुक्की करते हुए गाड़ी में भी तोडफ़ोड़ कर दी। हालांकि टीम मुखिया को थाने ले आई।
सूत्रों ने बताया कि पुलिस ने मोबाइल लुटेरा पकड़ रखा था। उसकी निशानदेही पर ही टीम ने दबिश दी थी। एसपी सिटी डा. अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि टीम को कुछ लोगों ने घेराव किया था। पुलिस टीम आरोपित को पकडऩे गई थी। दबिश के दौरान लापरवाही बरती गई होगी तो इसकी जांच होगी। उन्होंने पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की घटना से इंकार किया।
Published on:
25 Jul 2020 10:55 am
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