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Khatauli assembly by-election : चौधरी जयंत और भीम आर्मी के चंद्रशेखर की जोड़ी भाजपा पर पड़ सकती है भारी!

खतौली विधानसभा उपचुनाव में भीम आर्मी के चंद्रशेखर रावण गठबंधन के साथ हैं। चंद्रशेखर रावण, रालोद के चौधरी जयंत के साथ मिलकर जाट, मुस्लिम और दलित वोटों को साध रहे हैं।

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मेरठ

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Kamta Tripathi

Nov 23, 2022

खतौली विधानसभा उपचुनाव : जाट-दलित और मुस्लिम वोट साध रहे जयंत और रावण

खतौली विधानसभा उपचुनाव : जाट-दलित और मुस्लिम वोट साध रहे जयंत और रावण

खतौली विधानसभा उपचुनाव का परिणाम भले ही कुछ भी हो। लेकिन इस उपचुनाव में रालोद के जयंत चौधरी और भीम आर्मी के चंद्रशेखर आजाद के साथ आने के राजनीतिक मायने तलाशे जा रहे हैं। दोनों युवा नेताओं के साथ आने से पश्चिम यूपी की राजनीति मेें एक नया मोड आने की संभावना जताई जा रही है।

उपचुनाव से महागठबंधन की गांठ होगी मजबूत
चौधरी चरण सिंह विवि के राजनीतिक विभाग के डा0 संजीव शर्मा के मुताबिक पश्चिम यूपी के रास्ते यूपी की राजनीति में इस समय खिचड़ी पक रही है। खतौली विधानसभा उपचुनाव कहीं ना कहीं सपा के महागठबंधन की गांठ को और मजबूत करेगा।

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IMAGE CREDIT: patrika

अखिलेश ने विधानसभा चुनाव में नहीं किया था समझौता

विधानसभा चुनाव से पहले जब पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास गठबंधन के लिए चंद्रशेखर आजाद गए थे तो कोई समझौता नहीं हो पाया था। जिसका नतीजा ये हुआ कि विधानसभा चुनाव में पश्चिम यूपी की करीब 8 सीटें ऐसी थी,जिस पर गठबंधन बहुत कम वोटों के अंतर से भाजपा से हार गया। अगर चंद्रशेखर आजाद गठबंधन के साथ होते तो निश्चत ही ये सीटें गठबंधन के खाते में आ सकती थीं।


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सामने वाला प्रतिद्वंदी मजबूत
यूपी में अब आने लोकसभा चुनाव में बड़े राजनीतिक युद्ध की तैयारी है। अखिलेश मानते हैं कि उनके सामने प्रतिद्वंदी बहुत मजबूत है। उसका अपना कैडर है। संगठन के रूप में भाजपा काफी मजबूत है। ऐसे में सिर्फ एक कैडर वोट के सहारे भाजपा से पार पाना मुश्किल है। इसके लिए दलित और समाज के अन्य वर्गों का भी वोट चाहिए होगा। इससे ही संगठन मजबूत होगा। इस कारण से चौधरी और चंद्रशेखर रावण नजदीक आ रहे हैं।

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मायावती के दलित वोट बैंक को पाने की छटपटाहट
दलित चिंतक डा.सतीश कहते हैं कि इस समय मायावती का दलित वोट बैंक बिखराव की ओर है। बसपा के इस दलित वोट बैंक को बिखरने से रोकने के लिए भाजपा ने देवी रानी मौर्य को आगे बढ़ाया है। दलित युवाओं में चंद्रशेखर रावण की अपनी पहचान है। बहुत सारा दलित युवा वर्ग चंद्रशेखर रावण का समर्थक हैं।


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भविष्य का तानाबाना बुन रहे चंद्रशेखर
खतौली विधानसभा उपचुनाव के माध्यम से गठबंधन राजनीतिक मंच को और बड़ा करने में लगा है। जिसमें चंद्रशेखर रावण को जगह मिल चुकी है। दलित चिंतक मानते हैंं कि चंद्रशेखर रावण मायावती के वोट बैंक के बड़े दावेदार हैं। उनका कहना है कि राजनीति के भीतर चौधरी जयंत और चंद्रशेखर रावण की मुलाकात एक और एक ग्यारह वाली हो सकती है।


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पश्चिमी यूपी में चंद्रशेखर आजाद बड़ा चेहरा

खतौली विधानसभा उपचुनाव के जरिए दोनों भविष्य की राजनीति के तानाबाना बुन रही है। पश्चिमी यूपी में चंद्रशेखर आजाद एक बड़ा चेहरा बनकर उभर सकते हैं। भीम आर्मी चीफ आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद दलित के उत्पीड़न को लेकर लगातार मुखर रहे हैं। माना जा रहा है कि अखिलेश यादव की अगुवाई वाला सपा गठबंधन चंद्रशेखर को दलित राजनीति का चेहरा बनाने की कोशिश में है।