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सेना के अधिकारियों से बोली शहीद जवान की बहन, ‘जैसा आकाश दिया था वैसा ही चाहिए’

Highlights: -पिता ने दी अपने इकलौते बेटे को मुखाग्नि -शहीद का शव पहुंचने पर हर आंख थी नम -परिजनों ने अधिकारियों पर घटना छिपाने का आरोप लगाया

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मेरठ

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Rahul Chauhan

Jul 19, 2020

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मेरठ। मेरठ के लाल शहीद लेफ्टिनेंट आकाश का शव शुक्रवार शाम उनके घर पहुंचा तो हर किसी की आंखें नम हो गईं। शव को देखकर परिजनों ने पैर फिसलकर गिरने पर शहीद होने की बात को झूठ करार दिया। परिजनों का आरोप था कि आर्मी के अधिकारी घटना को छुपा रहे हैं। परिजनों का कहना है कि गिरने से चेहरा क्षतिग्रस्त नहीं होता है।

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वहीं शहीद आकाश की बहन ने कहा कि कमांडिंग ऑफिसर को बुलाओ तभी बात करेंगे। उन्होंने कहा कि मेरठ के डीएम और एसएसपी को भी आने की फुर्सत नहीं है। उन्होंने अधिकारियों से पूछा कि पीएम रिपोर्ट कहां है। शरीर बहुत क्षतिग्रस्त हुआ है। बहन ने सेना के अधिकारियों से कहा कि जैसा आकाश दिया था वैसा ही उनको वापस चाहिए।

बता दें कि सेना में लेफ्टिनेंट के अलावलपुर गांव निवासी आकाश चौधरी चीन सीमा पर पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हो गए। सेना के मुताबिक रात में पहाड़ी से पैर फिसलने के कारण वे गहरी खाई में गिर गए थे। सेना ने रेसक्यू किया और अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उनकी सांसें थम गईं। परिवार को शुक्रवार दोपहर बाद यह खबर मिली तो परिजनों में कोहराम मच गया। परिवार मेरठ में रोहटा रोड स्थित सिल्वर सिटी कॉलोनी में रहता है।

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परिवार ने बताया कि आकाश चौधरी का डेढ़ वर्ष पूर्व सेना में सीडीएस के माध्यम से लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हुआ था। ट्रेनिंग के बाद कुछ दिन पहले ही उनकी पोस्टिंग असम में चीन सीमा पर हुई थी। सेना चीन सीमा पर रात में लगातार पेट्रोलिंग कर रही है। बृहस्पतिवार रात अपनी टीम के साथ वे पेट्रोलिंग कर रहे थे। अंधेरे में आकाश का पैर फिसल गया और वे खाई में गिर गए। सेना रात में रेसक्यू नहीं कर पाई। शुक्रवार सुबह अभियान चलाकर उन्हें ढूंढा गया। इसके बाद सेना के अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनकी मृत्यु हो गई।