
मेरठ। एमबीए की छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म और घायल करने के मामला शनिवार को तूल पकड़ गया। घटना के विरोध में विवि छात्र छात्राओं का आक्रोश फूट पड़ा और सैकड़ों छात्र छात्राओं ने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से लेकर आईजी कार्यालय तक मार्च निकाला।
पुलिस प्रशासन पर नाकामी के आरोप लगाते हुए छात्र और छात्राओं ने पहले विवि कैंपस के गेट बंद किए फिर आईजी कार्यालय घेर लिया। वहीं मामले में आईजी के बयान ने छात्राओं का आक्रोश और भड़का दिया। आईजी के घटना को रेप की बजाय एक्सीडेंट बताने पर छात्राओं ने नाराजगी जताई और आईजी कार्यालय पर ही धरना देकर बैठ गईं। खबर लिखे जाने तक तमाम राजनीतिक दलों और छात्र संगठन के लोग भी आईजी कार्यालय पर डटे थे।
बता दें कि बीते गुरुवार को छात्रा का तीन चार युवकों ने अपहरण कर उसे बुलंदशहर के स्याना थानांतर्गत चांदपुर पूठी गांव में बंधक बना लिया था। छात्रा के मोबाइल की जीपीएस लोकेशन के आधार पर गढ़ पुलिस और परिजन उस तक पहुंच गए थे। जहां छात्रा को एक कमरे से बरामद कर लिया गया था। छात्रा के साथ रेप और मारपीट की आशंका जताई गई थी। छात्रा की गंभीर हालत को देखते हुए परिजनों ने उसे मेरठ के मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। जहां उसका इलाज चल रहा था। घटना का पता चलते ही तमाम राजनीतिक दलों के लोग और विवि के प्रोफेसर उससे मिलने पहुंचे थे।
आरोप है कि पूठी गांव निवासी प्रियांश ने अपने साथियों आकाश, सोनी और सुमित के साथ मिलकर उसका अपहरण किया और उसे प्रियांश के घर ले जाकर उससे गैंगरेप किया। छात्रा का अपहरण उस समय किया गया जब वह बस के इंतजार में खड़ी थी। वहीं मीडिया में घटना का खुलासा होते ही विवि के छात्र छात्राओं में आक्रोश फूट पड़ा। सुबह कैंपस खुलते ही विवि के एमबीए और बीटेक के सैकड़ों छात्र छात्राएं एकत्र हुए और घटना के विरोध में पूरे कैंपस में मार्च निकाला। छात्रों ने हाथों में पुलिस के विरोध में स्लोगन लिखे बैनर और कार्ड ले रखे थे। छात्र इस कदर आक्रोशित थे कि पहले विवि का मुख्य द्वार बंद कराकर धरना दिया गया इसके बाद मार्च निकालते हुए आईजी कार्यालय तक पहुंच गए।
गुस्साए छात्र और छात्राएं आईजी आफिस के गेट पर धरना देकर बैठ गए। इसी बीच कांग्रेस जिलाध्यक्ष अवनीश काजला, सपा छात्र सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष और छात्रसंघ अध्यक्ष राजदीप विकल भी पहुंच गए। एबीवीपी के कार्यकर्ता भी छात्रों के आंदोलन को समर्थन दिया। घटना से छात्राएं इस कदर आक्रोशित थी कि किसी भी अधिकारी और नेता की बात सुनने को तैयार नहीं थी। छात्राओं में इस बात को लेकर ज्यादा गुस्सा था कि आईजी ने घटना को फर्जी बताते हुए बयान दिया कि गैंगरेप नहीं एक्सीडेंट हुआ है। खबर लिखे जाने तक सैकड़ों की संख्या में छात्र छात्राएं आईजी गेट पर जमे हुए थे।
Updated on:
15 Feb 2020 02:39 pm
Published on:
15 Feb 2020 01:46 pm
बड़ी खबरें
View Allमेरठ
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
