
मेरठ. प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनते ही गोरक्षा को लेकर सरकार ने कठोर नियम बनाए थे। हर जिले के अधिकारियों को निर्देश दिए गए थे कि गाय की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए जाएं, लेकिन मेरठ में सरकार के ये आदेश हवा-हवाई साबित हुए। दरअसल, यहां एक बेजुबान गाय को किसी ने जहर दे दिया और वह सड़क पर तड़पती रही, लेकिन सूचना देने के बाद भी गो रक्षा दल के सदस्य मौके पर नहीं पहुंचे। आरोप है कि कई बार फोन करने के बावजूद पशुपालन विभाग के अधिकारी और गो सेवा का दंभ भरने वाले ‘ठेकेदार’ गाय की सुध लेने नहीं पहुंचे। जिस पर क्षेत्रवासियों ने हंगामा कर दिया। इसी हंगामे के बीच क्षेत्र के लोग गाय को अस्पताल पहुंचाने के प्रबंध में जुटे थे इसी बीच गाय ने दम तोड़ दिया।
जानकारी के मुताबिक सदर थाना क्षेत्र में ढोलकी मौहल्ला निवासी मोनू की क्षेत्र में डेरी है। मोनू का आरोप है कि रात को उसकी गाय को किसी ने कोई जहरीला पद्धार्थ दे दिया था। जिसके बाद गाय की हालत बिगड़ गई। इसके बाद डेरी संचालक और क्षेत्र के निवासियों ने कई बार पशु पालन विभाग के अधिकारियों को फोन किया, लेकिन कोई भी बीमार गाय की सुध लेने नहीं पहुंचा। जिसके बाद क्षेत्र के निवासियों ने हंगामा करते हुए घटना की जानकारी गो रक्षा दल के पदाधिकारियों को दी।
गो रक्षा दल के सदस्य ने डेरी संचालक को थमा दिया इंजेक्शन
मौके पर पहुंचे गो रक्षा दल के केके ठाकुर ने मदद के नाम पर डेरी संचालक मोनू के हाथ में एक इंजेक्शन थमा दिया। मोनू ने खुद ही गाय को इंजेक्शन लगाते हुए उसका उपचार शुरू किया, लेकिन कुछ देर बाद ही गाय की मौत हो गई। वहीं, गो माता के ‘ठेकेदारों’ के भी मौके पर न पहुंचने को लेकर क्षेत्र के निवासियों ने रोष प्रकट किया।
इस बारे में जब गोरक्षा दल के सदस्य केके ठाकुर से बात की गई तो उनका कहना था कि गाय की हालत पहले से बहुत खराब थी उनको काफी देर बाद बताया गया था। जिस कारण गाय को बचाया नहीं जा सका।
Updated on:
26 Jan 2018 11:17 am
Published on:
26 Jan 2018 11:12 am
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