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दिवाली पर पटाखों का प्रदूषण आपको कर सकता है बीमार, बरतनी होगी ये सावधानी

locationमेरठPublished: Oct 23, 2019 06:52:41 pm

Submitted by:

sanjay sharma

Highlights

स्मॉग के साथ-साथ पटाखों का प्रदूषण करेगा ज्यादा परेशान
पटाखों से कई गुना बढ़ जाती है आरएसपीएम की मात्रा
पटाखों के प्रदूषण से कई तरह की बीमारियां हो सकती हैं

 

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मेरठ। उत्तरी भारत में दिवाली से पहले ही हवा गुणवत्ता खराब है, ऐसे में जब दिवाली पर पटाखों से वायु प्रदूषण बढ़ेगा, तब क्या हालत होगी। बच्चे और बड़े वायु प्रदूषण से कई बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं, क्योंकि पटाखों से कई तरह के केमिकल निकलते हैं, जो सांस और साइनस के मरीजों को बहुत दिक्कत पैदा करते हैं। इसलिए इस बार दिवाली पर स्मॉग के साथ-साथ पटाखों से काफी परेशानी होगी।
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दरअसल, पटाखे चलाने से रेस्प्राइटेबल सस्पेंडेट पर्टिकुलेट मेटर (आरएसपीएम) की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है। ये खतरनाक और महीन कण होते हैं, जो नाक और मुंह के रास्ते फेफड़ों तक पहुंचते हैं। बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं के लिए ये कण काफी नुकसान पहुंचाते हैं। पटाखों को धुंधा वायु प्रदूषित करता है। पटाखों का प्रदूषण सांस की नली में सूजन बढ़ा देता है। साथ ही पटाखों के शोर से बहरेपन का खतरा हो जाता है। छाती रोग विशेषज्ञ डा. महीप सलूजा का कहना है कि दिवाली पर प्रदूषण से सबसे ज्यादा दिक्कतें सांस, दमा व टीबी रोगियों को होती है। पटाखों के प्रदूषण से एलर्जी, स्किन, आंखों व कानों की बीमारियां हो सकती है। उन्होंने बताया कि पटाखों में कॉपर का इस्तेमाल होता है, जो सांस के मरीजों के लिए घातक है। इसमें केडियम से एनीमिया के साथ किडनी फेल हो सकती है।
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दिवाली पर लापरवाही न करें

दिवाली पर पटाखे चलाते समय सावधानी रखने की जरूरत है।

– पटाखे चलाने से पहले मुंह पर मास्क लगाएं

– भीड़भाड़ वाली जगहों पर पटाखे नहीं चलाएं
– चुस्त व सूती कपड़े पहनकर ही पटाखे छोड़ें

– बड़ों की मौजूदगी में ही बच्चे पटाखे चलाएं

– पटाखे चलाने से पहले चश्मा जरूर पहनें

– पटाखे से जलने पर उस स्थान पर बर्फ लगाएं
– पटाखे चलाने के स्थान पर पानी अवश्य रखें

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