देश में पहली बार किसी महिला को होगी फांसी, क्रूर शबनम के जुर्म की दास्तां सुन कांप जाएगी रूह
Highlights
- प्रेमी के साथ मिलकर घर के सात लोगों को उतार दिया मौत के घाट, अब मिली फांसी की सजा
- आजाद भारत के इतिहास में पहली बार किसी महिला को दी जाएगी सजा-ए-मौत
- शबनम की फांसी की सजा के बाद राष्ट्रपति ने भी खारिज की दया याचिका

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मेरठ/ अमरोहा. आजाद भारत में अब तक किसी महिला को फांसी पर नहीं लटकाया गया है। आजादी के बाद सु्प्रीम कोर्ट ने अपने परिवार के सात लोगों की हत्यारोपी महिला शबनम को फांसी की सजा सुनाई थी। शबनम की फांसी की सजा के बाद दया याचिका राष्ट्रपति के पास भी गई थी, जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया है। अब शबनम को फांसी पर लटकाया जाना तय माना जा रहा है। मेरठ के वरिष्ठ अधिवक्ता गजेंद्र धामा ने की मानें तो अगर ऐसा होता है तो यह आजादी के बाद पहला ऐसा मामला होगा, जिसमें एक महिला को फांसी पर लटकाया जाएगा।
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ये था मामला
14 अप्रैल 2008 की रात को यूपी के अमरोहा जनपद के गांव बावनखेड़ी में एक ऐसा सनसनीखेज मामला हुआ था, जो कि आज भी भुलाये नहीं भूलता है। इस वारदात को अंजाम दिया था एक युवती ने। युवती ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही परिवार के सात लोगों की हत्या कर दी थी। जब इस वारदात का खुलासा हुआ, तो लोगों को विश्वास तक नहीं हुआ था कि कोई अपने ही परिजनों के साथ इतनी सनसनीखेज वारदात कैसे कर सकता है। शबनम ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही परिवार के सात लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। उसके परिवार में यदि कोई बचा था, तो वह थी 25 साल की शबनम। उसने अपने मां-बाप, दो भाई, भाभी, मौसी की बेटी और भतीजे का कत्ल कर दिया था।
दरअसल, शबनम और सलीम एक-दूसरे से प्रेम करते थे। यह रिश्ता शबनम के परिजनों को मंजूर नहीं था। इसी के चलते शबनम ने परिजनों की हत्या की योजना बनाई थी। इस योजना के तहत शबनम ने परिजनों के खाने में कुछ मिलाया और बाद में एक के बाद एक परिजन पर कुल्हाड़ी से वार करके उनका कत्ल कर दिया था। बाद में मामले का खुलासा होने पर पुलिस ने दोनों को पकड़ लिया था। दोनों ही आरोपियों ने अपना जुर्म भी कबूल कर लिया था। 7 लोगों की हत्या के मामले में शबनम ने राष्ट्रपति के यहां दया याचिका दाखिल की थी, जिसे खारिज कर दिया गया है।
जेल प्रशासन ने शुरू की तैयारी
बता दें कि फिलहाल शबनम मथुरा जेल में बंद है। राष्ट्रपति द्वारा शबनम की दया याचिका खारिज होने के बाद जेल प्रशासन ने फांसी की तैयारी शुरू कर दी है। मेरठ निवासी पवन जल्लाद ही शबनम को फांसी देंगे। इसके लिए पवन जल्लाद दो बार मथुरा जेल का निरीक्षण कर चुके हैं। हालांकि अभी फांसी की तारीख तय नहीं की गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि जल्द तारीख की भी घोषणा कर दी जाएगी।
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