
केपी त्रिपाठी, मेरठ। कोरोना वायरस के कारण जहां पूरे विश्व में दहशत का माहौल है। वहीं इसका आसार व्यापार पर भी पड़ रहा है। जिसके चलते बहुत-सी चीजों के दाम या तो आसमान पर पहुंच गए हैं या फिर बाजार से चीजें गायब हो गई हैं। बता दें की चीन से देश के भीतर बहुत सारे सामान का आयात होता है। देश में बिकने वाले इन्हीं सामानों पर चाइना की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है। जब से कोरोना वायरस ने चीन को अपनी गिरफ्त में लिया है। तब से देश में चीन से बने सामान पर प्रतिबंध है। जिसके चलते वहां से सामान का आयात नहीं हो पा रहा है। इसका असर अब जूता व्यवसाय पर भी पड़ा है।
बता दें कि चीन से बने जूते मेरठ समेत देश के अन्य हिस्सों में भी पसंद किए जाते हैं। जूता व्यवसाय से जुड़े आरिफ खान का कहना है कि जब से कोरोना वायरस का कहर शुरू हुआ है। जूता उद्योग पर इसका गहरा असर पड़ा है। मेरठ में बड़े पैमाने पर चाइना से जूतों का कारोबार होता है। स्पोर्ट्स शू और अन्य आइटम्स वहां से मंगाया जाता है। चीन में जब से कोरोना वायरस का कहर बरपा है, तब से जूतों का निर्यात बंद है। जिस कारण से बाजार में व्यापारी काफी परेशान हैं। मेरठ के प्रमुख बाजार हापुड़ अड्डा, सदर, लालकुर्ती, घंटाघर, वैली बजार स्पोट्र्स शू, कैजुअल शू की काफी दुकानें हैं। जहां चीन से जूते आते हैं। जब से कोरोनावायरस फैला है तब से शूज़ नहीं आ रहे हैं। जिसके चलते जो जूता 12 सौ का था, वह 15 दिन में 21 सौ रुपए का हो गया है।
जूता व्यापारियों का कहना है कि अगर यही हाल आने वाले छह महीने तक रहा तो इसका बहुत बड़ा असर व्यापार तो पड़ेगा ही, उनके सामने परिवार को पालने का संकट भी होगा। आरिफ बताते हैं कि चीन से आने वाले जूते सस्ते होने के साथ ही नामी ब्रांड की कॉपी होते हैं। जिसके चलते इन जूतों की डिमांड अधिक होती है। उन्होंने बताया कि जो जूता एक हजार से 12 सौ रुपए में आता था, आज वही जूता 21 सौ रुपए में बिक रहा है। उन्होंने कहा कि अगर यही हाल रहा तो आने वाले दिनों में जूता व्यापारी काफी मुश्किल में आ जाएगा।
Published on:
02 Mar 2020 10:35 am
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