30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब गांव में दुकान करने वालों की भी खैर नहीं, GST विभाग को देनी होगी कमाई की जानकारी

2 हजार से अधिक आबादी वाले गांव के व्यापारियों की तलाश तेज। ब्लाकवार टीम बनाकर जीएसटी विभाग कराएगा। सर्वे जीएसटी पंजीकरण के दायरे में आएंगे ग्रामीण क्षेत्र के व्यापारी।

2 min read
Google source verification

मेरठ

image

Rahul Chauhan

Jul 31, 2021

gst

gst

मेरठ। जीएसटी (GST) विभाग की नजर अब गांव के दुकानदारों (Shopkeepers) पर भी है। दरअसल, कस्बों और गांवों में 90 फीसदी दुकानदार और व्यापार अपंजीकृत हैं और प्रतिमाह लाखों का व्यापार करते हैं। यह जानकारी जीएसटी के एक सर्वे में सामने आई है। अब टैक्स बढ़ाने के लिए इन अपंजीकृत व्यापारियों को जीएसटी पंजीकरण के दायरे में लाने का काम करेगा। इसके लिए कवायद शुरू की जा चुकी है। विभाग ने 2 हजार से अधिक आबादी वाले गांवों में व्यापार करने वाले व्यापारियों की तलाश के लिए अभियान चलाने का फैसला किया है। इसके लिए विभागीय स्तर पर एक कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जिसमें विकास खंडवार अधिकारियों की टीम बनाकर गांवों में भेजा जाएगा। जल्द ही इस कार्ययोजना पर काम शुरू होगा।

यह भी पढ़ें: 11 साल की बच्ची ने Whatsapp मैसेज भेजकर मांगी 1 करोड़ की फिरौती

वाणिज्य कर विभाग मेरठ के एसी वन एए पांडे ने बताया कि देश का सबसे बड़ा प्रदेश होने के नाते यूपी को उपभोक्ता प्रदेश की श्रेणी में रखा गया है। यानि जीएसटी अधिनियम में उसी प्रदेश को ही सर्वाधिक फायदा होना है, जिन प्रदेश में अधिक उपभोक्ता होंगे। इसके मद्देनजर जीएसटी लागू होने के बाद से ही प्रदेश का टैक्स बेस बढ़ाने को लेकर कई तरह से प्रयास किए जा रहे हैं। मेरठ जोन भी देश के एक बड़े टैक्स बेस में शामिल है। अब गांवों में व्यापार करने वाले व्यापारियों की तलाश के लिए अभियान चलाए जाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की गई है।

जिसके तहत नगर निगम वाले शहरों के अलावा नगर पालिका परिषद और छोटी नगर पंचायतों तक के व्यापारियों को जीएसटी में पंजीकृत कराने का अभियान चलाया जाएगा। इसी कड़ी में विभाग ने गांवों में दुकान या अन्य व्यापार करने वाले व्यवसायियों को भी जीएसटी के दायरे में लाने का फैसला किया है। इसके लिए मानक बनाया गया है कि फिलहाल यह अभियान 2 हजार से अधिक आबादी वाले गांवों के पंजीकृत व अपंजीकृत व्यापारियों का ब्योरा जुटाया जाएगा। इसके बाद उनका जीएसटी में पंजीकरण कराया जाएगा।

यह भी पढ़ें: यूपी में कोरोना काल में 15 करोड़ जनता को 10 करोड़ कुंतल मिला फ्री राशन

उन्होंने बताया कि वाणिज्य कर मुख्यालय की ओर से इस संबंध में सभी जोनल एडिशनल कमिश्नरों को दिशा-निर्देश भेजे गए हैं। मेरठ जोनल कार्यालय को भी निर्देश प्राप्त हुए हैं। गांवों के व्यापारियों का डेटा जुटाने के साथ ही विभिन्न सरकारी विभागों में पंजीकृत व्यापारियों का भी डेटा जुटाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है।