
मेरठ। CAA, NPR-NRC को लेकर लोगों का विरोध अभी भी जारी है। स्वास्थ्य विभाग की पोलियो उन्मूलन की दवा पिलाने गई टीम को लिसाड़ी गेट के लक्खीपुरा मोहल्ले में करीब तीन घंटे तक बंधक बनाए रखा। इस टीम के यहां पहुंचते ही कुछ लोगों ने अफवाह फैला दी कि सीएए, एनपीआर-एनआरसी के लिए टीम डाटा लेने आयी है। टीम के सदस्यों के साथ मारपीट की गई और महिला स्टाफ के साथ छेडख़ानी की गई। महिला स्वास्थ्य कर्मी ने इस मामले में करीब एक दर्जन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।
लिसाड़ी गेट थाना पुलिस के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग की टीम में एक पुरुष व एक महिला सदस्य थे। पोलियो उन्मूलन अभियान के अंतर्गत लक्खीपुरा के अलीबाग मोहल्ले में पहुंची टीम ने जब एक मकान का दरवाजा खटखटाया तो उनके आसपास लोग जमा हो गए। इन लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि यह पोलियो टीम नहीं है। महिला स्वास्थ्य कर्मी ने समझाया कि हम पोलियों की दवा पिलाने आए हैं। इसी दौरान यहां क्लीनिक चलाने वाले इमरान ने शोर मचा दिया कि टीम जनसंख्या के लिए नाम, पता और मकान नंबर नोट कर रही है। इसके बाद भीड़ बढऩे लगी और लोगों ने कहना शुरू कर दिया कि टीम सीएए, एनपीआर और एनसीआर के अंतर्गत डाटा एकत्र कर रही है। इसके बाद भीड़ प्रधानमंत्री का नाम लेकर नारेबाजी करने लगी। टीम का आरोप है कि लोगों ने उन्हें खींचकर एक कमरे में बंधक बनाकर पीटा और महिल स्वास्थ्य कर्मी से छेड़छाड़ की गई। इस दौरान पुलिस को सूचना देने की कोशिश की गई तो मोबाइल छीन लिया गया।
करीब तीन घंटे बाद टीम ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना दी। इसके बाद पुलिस की मदद से टीम को छुड़ाया गया। इसके बाद महिला स्वास्थ्य कर्मी और चिकित्सकों ने लिसाड़ी गेट थाने पहुंचकर हंगामा किया। इंस्पेक्टर प्रशांत कपिल ने बताया कि इस मामले में आरोपी इमरान के अलावा एक दर्जन आरोपियों पर बंधक बनाने, छेड़छाड़, लूटपाट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
Published on:
26 Jan 2020 10:32 am
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