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दरोगा के शव के बदले मांगे 70 हजार तो इंस्पेक्टर बोला- मेरी किडनी निकाल लो, लेकिन दोस्त का शव दे दो

Highlights - हापुड में तैनात दरोगा की मेरठ के अस्पताल में बीमारी से मौत- बिल नहीं चुकाने पर अस्पताल प्रबंधन शव देने से किया इनकार- शव के बदले अस्पताल प्रबंधन ने की 70 हजार रुपए की मांग

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मेरठ

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lokesh verma

Oct 25, 2020

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मेरठ. प्राइवेट अस्पतालों की लापरवाही और उनकी मनमानी के तमाम किस्से सामने आते रहते हैं। ऐसा ही एक मामला हापुड़ रोड स्थित एक अस्पताल का सामने आया है। जब अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के लिए लाए गए सब इंस्पेक्टर की बीमारी से मौत के बाद शव के एवज उनके परिजनों से 70 हजार रुपए की डिमांड कर दी। रुपए नहीं होने पर अस्पताल प्रबंधन ने शव को अपने पास ही रख लिया। शव रखने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने जमकर हंगामा किया। इसी दौरान एक साथी इंस्पेक्टर ने अस्पताल प्रबंधन से कहा कि कि मेरी किडनी ले लो, मगर दोस्त का शव दे दो।

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दरअसल, संभल जिले में एंचौली गांव के मूलनिवासी 30 वर्षीय निक्की मियां यूपी पुलिस में सब इंस्पेक्टर थे। फिलहाल उनकी तैनाती हापुड़ जिले में बहादुरगढ़ थाने में थी। बीमारी के चलते 21 अक्टूबर को निक्की मियां को मेरठ के गढ़ रोड स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शनिवार को हार्ट फेल होने से उनकी मौत हो गई। मौत के बाद शव देने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने 70 हजार रुपए मांगे और रुपए नहीं देने पर शव देने से इनकार कर दिया। साथी की मौत की खबर सुनते ही अन्य पुलिसकर्मी भी अस्पताल पहुंच गए।

जब अस्पताल प्रबंधन ने शव देने से इनकार किया तो इंस्पेक्टर अजहर हसन ने यह तक कह दिया कि मेरी किडनी निकाल लो, लेकिन दोस्त का शव दे दो। हालांकि बाद में पुलिस की मध्यस्थता के बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया और परिजन शव ले गए। अस्पताल प्रबंधन ने इस विषय पर कुछ भी बोलने से इनकार किया। प्रबंधन का कहना है कि सारे काम नियमानुसार ही होते हैं। आरोप तो कोई कुछ भी लगा सकता है। बता दें कि एक बार पहले भी इस अस्पताल पर इसी तरह का आरोप लग चुका है। वहीं इस बारे में जब सीएमओ से बात की गई तो मामले की जानकारी होने से इनकार कर दिया।

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