
केपी त्रिपाठी
गाजियाबाद। विगत एक सितंबर को देवलोक को प्राप्त हुए जैन मुनि तरुण सागर महाराज को दिल्ली-हरिद्वार हाइवे स्थित मुरादनगर में तरुण सागरम तीर्थ स्थल पर मुखाग्नि दी गई थी। अब वहीं पर तरुण सागर महाराज की समाधि बनाने की तैयारी चल रही है। उनकी समाधि निर्माणाधीन तरूण सागरम तीर्थ स्थल पर ही बनाई जाएगी। इसके लिए तरूण सागरम में तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं।
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आपको बता दें कि मुरादनगर में तरुण सागरम तीर्थ स्थल पहले से ही निर्माणाधीन है। बताते चले कि जैन मुनि तरुण सागर महाराज अपने कड़वे प्रवचन के लिए विख्यात रहे। उनके कड़वे प्रवचनों को जैन समाज ही नहीं अपितु अन्य दूसरे धर्म के लोग भी बडे़ ध्यान से सुनते थे और उन पर अमल करते थे। जैन मुनि तरुण सागर महाराज पीलिया से पीड़ित थे और उन्होंने प्राण त्यागने के तीन दिन पहले संथारा ले लिया था।
दो कलशों में रखी जाएगी अस्थियां और राख
जैन समाज के अरुण कुमार जैन ने बताया कि महाराज तरूण सागर जी की अस्थियों और राख को दोनों को अलग-कलशों में रखा जाएगा। इसके लिए अस्थियों को राख से चुन लिया गया हैं। उनको कलश में सुरक्षित रखा गया है। इसी तरह उनके देह की राख को भी अलग कर कलश में भरकर सुरक्षित रख लिया गया है। दोनों कलश तरुण सागरम् में रखे गए हैं और उनकी पूजा चल रही है।
इस धातु के हैं कलश
अरूण कुमार जैन ने बताया कि दोनों कलश अष्टधातु के बनवाए गए हैं। कलश को विशेष रूप से डिजाइन कराया गया है। इसके लिए धातुओं को राजस्थान से खरीदा गया है। कलश को तरूण सागर महाराज के गुरू पुष्पदंत महाराज ने गिरिनार से विशेष रूप से बनवाकर भेजा है। इन दोनों कलशों की विशेषता है कि यह अष्टधातु के बनाए गए हैं और इन पर किसी भी मौसम का कोई प्रभाव नहीं पडे़गा। दोनों कलश करीब दस-दस किग्रा के हैं। इन कलशों में दिवंगत तरुण सागर महाराज की अस्थियों और उनकी देह भस्म को सुरक्षित रखकर बंद कर दिया गया है।
यह होगी समाधि स्थल बनाने की प्रक्रिया
अरुण कुमार जैन ने बताया कि समाधि स्थल बनाने से पहले जिस स्थान पर तरुण सागर महाराज को मुखाग्नि दी गई थी वहां पर दो गहरे गड्ढे खोदे जाएंगे। इन दोनों गड्ढों में जैन समाज की रीति रिवाज के अनुसार दोनों अस्थि कलश रखे जाएंगे। इस दौरान कई जैन मुनि उपस्थित रहेंगे। दोनों अस्थि कलश को गड्ढों मेें रखकर उनको बंद कर दिया जाएगा। इसके बाद उनकी समाधि के ऊपर चबूतरा और महाराज की मूर्ति बनाई जाएगी। फिर उस पर मंदिर बना दिया जाएगा।
उपस्थित रहेंगे जैन समाज के लोग
जैन मुनि तरुण सागर महाराज की समाधि बनने की प्रारंभिक प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। लेकिन अभी तिथि निश्चित नहीं हुई है कि किस दिन विधि-विधान से समाधि बनाने की पूरी प्रक्रिया प्रारंभ होगी। बताया जा रहा है कि जैन मुनि तरुण सागर महाराज के गुरू पुष्पदंत महाराज भी गिरिनार से इस प्रक्रिया में भाग लेने आ सकते हैं। इसलिए अभी तिथि की घोषणा नहीं की गई है। लेकिन समाधि बनाने की प्रक्रिया को अधिक दिन टाला नहीं जाता। इसलिए जल्द ही तिथि की घोषणा की जाएगी।
Updated on:
05 Sept 2018 05:48 pm
Published on:
05 Sept 2018 05:46 pm
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