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मेरठ

कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री रहते जिले के कप्तानों को मिली थी खुली छूट, ब्रजलाल ने दिया था ऑपरेशन ‘शकील वेडस हमीदा’ को अंजाम

अपने और कल्याण सिंह (Kalyan Singh) के रिश्तों को लेकर जब पूर्व आईपीएस से बात हुई तो उनका कहना था कि कल्याण सिंह जी जैसा दिलेर मुख्यमंत्री आज तक प्रदेश को नहीं मिला।

मेरठAug 23, 2021 / 08:20 pm

Nitish Pandey

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मेरठ. बात आज से 29 साल पहले की है। प्रदेश में भाजपा की सरकारी थी और मुखिया थे कल्याण सिंह (Kalyan Singh)। मेरठ में उसी दौर में एसएसपी थे ब्रजलाल (IPS Brijlal)। ब्रजलाल (IPS Brijlal) प्रदेश के तेजतर्रार आईपीएस में गिने जाते हैं। उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भी कहा जाता था। आज ब्रजलाल (IPS Brijlal) रिटायर्ड हो गए गए और भाजपा से राज्यसभा सांसद हैं। वे अपने ऑपरेशन ‘शकील वेडस हमीदा’ को आज भी याद करते हैं। जिसमें दिनदहाड़े एक लाख के कुख्यात अपराधी तेजपाल गुर्जर (Tejpal Gurjar) को ढेर कर दिया था।
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कल्याण सिंह में निर्णय लेने की थी अदभुद क्षमता

अपने और कल्याण सिंह (Kalyan Singh) के रिश्तों को लेकर जब पूर्व आईपीएस से बात हुई तो उनका कहना था कि कल्याण सिंह जी जैसा दिलेर मुख्यमंत्री आज तक प्रदेश को नहीं मिला। उनके भीतर निर्णय लेने की अदभुद क्षमता थी। वे त्वरित गति से निर्णय लेते थे। उनके लिए निर्णय हमेशा कारगर साबित हुए। पूर्व आईपीएस ब्रजलाल (IPS Brijlal) कहते हैं कि प्रदेश में पुलिस और बदमाशों के बीच एनकाउंटर की नीव अगर पड़ी तो कल्याण सिंह (Kalyan Singh) के कार्यकाल में पड़ी थी। अपने समय की एक घटना का जिक्र करते हुए बताते हैं कि कैसे एक सिपाही के हत्यारोपी को पकड़ने के लिए वे पुलिसकर्मियों को बारात के रूप में लेकर गए थे और सिपाही के हत्यारोपी तेजपाल गुर्जर (Tejpal Gurjar) को बुलंदशहर के पास ढेर कर दिया था।
विकलांग सिपाही महेंद्र सिंह त्यागी की हुई थी हत्या

पूर्व डीजीपी और राज्यसभा सदस्य ब्रजलाल (IPS Brijlal) बताते हैं कि घटना की शुरूआत 24 मई, 1992 को हुई। जब मेरठ पुलिस लाइन के फैमिली आवास में विकलांग सिपाही महेंद्र सिंह त्यागी की हत्या हुई थी। हत्या दिल्ली के माफिया सरगना तेजपाल गुर्जर (Tejpal Gurjar) ने कराई थी। ब्रजलाल उस समय मेरठ के एसएसपी थे। पुलिस लाइन के भीतर इस तरह की वारदात सरकार और पुलिस के लिए किसी चुनौती से कम नहीं थी। ब्रजलाल (IPS Brijlal) ने तुरंत डीजीपी से बात की और डीजीपी ने मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Ex. CM Kalyan Singh) से बात करने को कहा।
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मुझे रिजर्ल्ट चाहिए ये तुम जानते हो कैसे करना है

पूर्व डीजीपी ब्रजलाल (IPS Brijlal) बताते हैं कि मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Ex. CM Kalyan Singh) ने तुरंत कहा मुझे इस पर रिजर्ल्ट चाहिए ये आप देखिए कि आपको करना क्या है। सिपाही का हत्यारोपी जिंदा या मुर्दा आपके सामने होना चाहिए। इसके बाद मेरठ के तत्कालीन एसएसपी ब्रजलाल (IPS Brijlal) ने प्रतिज्ञा ली थी कि एक महीने के अंदर कुख्यात तेजपाल को ठिकाने लगाएंगे। उन्होंने सिपाही की हत्या के एक महीना पूरा होने के एक ही दिन सिपाही के हत्यारोपी माफिया सरगना तेजपाल गुर्जर (Tejpal Gurjar) को बुलंदशहर के गुलावठी क्षेत्र में ढेर कर दिया।
दिल्ली से निकलने पर कर दिया था मजबूर

ब्रजलाल (IPS Brijlal) बताते हैं कि मैंने हवलदार की लाश के सामने जवानों के बीच प्रतिज्ञा की कि तेजपाल (Tejpal Gurjar) को एक माह के अंदर ठिकाने लगा लूंगा। मैंने तेजपाल (Tejpal Gurjar) की दोनों गिरफ्तार गुर्गो से उसके सभी ठिकानों की जानकारी प्राप्त कर ली थी। खुद तीन बार दिल्ली में उसकी कोठी और ठिकानों पर रेड किया था। मेरी योजना थी कि उसके दिल्ली और हरियाणा के ठिकानों पर इतना रेड किया जाए कि वह दिल्ली से निकलने पर मजबूर हो जाए।
ऑपरेशन ‘शकील वेडस हमीदा’

उन्होंने रातों-रात ‘शकील वेड्स हमीदा’ के पोस्टर तैयार करवाए। गुप्ता बस सर्विस की बस किराए पर लेकर पोस्टर उस पर चिपका दिया। 20 से 25 जवानों की टीम बनाई और सादा कपड़ों में बस से पहुंच गया। दिन के 1:30 पर हमारी बस गांव में दाखिल हुई। बस तेजपाल (Tejpal Gurjar) के मामा के घर के सामने पहुंची, तभी बिजली का लटका तार लाउडस्पीकर में फस गया।
मैं एसएसपी मेरठ ब्रजलाल हूं

मैंने देखा कि तेजपाल (Tejpal Gurjar) मामा के बरामदे में कई लोगों के साथ ताश खेल रहा है और वह भी बारात को देख रहा है। तेजपाल (Tejpal Gurjar) मौके को भांप गया और मेरे अनुमान के अनुसार ही मामा के घर के पीछे खेतों की तरफ भाग निकला। टीम ने उसका पीछा किया और मैंने लाउड से ऐलान किया कि मैं ब्रजलाल (IPS Brijlal) एसएसपी मेरठ हूं, वह अपने को मेरे हवाले कर दे। लेकिन वह पोजीशन लेकर गोलियां चलाता रहा था। वह गांव के बगल से बहने वाली काली नदी में कूद गया जो उस समय सूखी थी।
काबाईन की गोलियों से छलनी हो गया तेजपाल

मैं भी नदी में कूद गया और 720 गोलियां प्रति मिनट की दर से आग उगलने वाली काबाईन का रुख उसकी तरफ मोड़ दिया। हमारे जवान स्वचालित हथियारों से मेरी टीम को कवरेज दे रहे थे तेजपाल (Tejpal Gurjar) मेरी काबाईन की गोलियों से छलनी हो गया।
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