मेरठ। नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) के विरोध में पिछले शुक्रवार को मेरठ के लिसाड़ी गेट और हापुड़ रोड पर हुए बवाल के बाद जिला प्रशासन यहां सधे कदम उठा रहा है। इस बवाल में प्रभावित परिवारों से मिलने के लिए विभिन्न दलों के नेताओं का आना शुरू हो गया है। मंगलवार को कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और महासचिव प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को बवाल के प्रभावित इलाकों में नहीं आने दिया गया था तो बुधवार को रालोद (RLD) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) को यहां आना था, लेकिन मौजूदा स्थिति को देखते हुए इन्हें मेरठ की सीमा पर ही रोक लिया गया। जिला प्रशासन का कहना है कि बवाल के प्रभावित इलाकों में जाने वाले नेताओं और जनप्रतिनिधियों को धारा-144 लागू होने के कारण नोटिस (Notice) दिया जाएगा।
सिटी मजिस्ट्रेट संजय कुमार पांडेय का कहना है कि शहर में धारा-144 लागू है। बवाल से प्रभावित क्षेत्रों में यदि कोई जनप्रतिनिधि या नेता जाते हैं तो उन्हें धारा-144 लागू होने का नोटिस दिया जाएगा। कानून व्यवस्था की स्थिति को देखने के बाद ही वहां जाने की अनुमति प्रदान की जाएगी।
एक दिन पहले राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को मेरठ की सीमा पर रोक लिया गया था। पुलिस अफसरों ने उन्हें धारा-144 का नोटिस दिया और प्रभावित परिवारों से मिलने की अनुमति नहीं दी। राहुल प्रियंका वापस लौट गए थे। बुधवार को रालोद उपाध्यक्ष जयंत चौधरी को आना था, लेकिन मुजफ्फरनगर की सीमा में ही उन्हें रोक लिया गया। उनका मेरठ में लिसाड़ी गेट और हापुड़ रोड इलाके में आने का भी कार्यक्रम था। वह मेरठ की तरफ नहीं आए, वरना जिला प्रशासन उन्हें भी नोटिस देने के लिए तैयार था। जिला प्रशासन की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि यदि कोई जनप्रतिनिधि यहां आता है तो धारा-144 का नोटिस देने के बाद मौजूदा स्थिति का भी आकलन किया जाएगा, तभी उन्हें वहां जाने की अनुमति दी जाएगी।
Published on:
25 Dec 2019 07:05 pm