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शहीद लेफ्टिनेंटआकाश के परिजन धरने पर बैठे, सरकार के सामने रखी ये मांगे

Highlights - पिता बोले- बेटा देश पर शहीद हुआ, लेकिन कोई नहीं कर रहा मदद - परिजनों ने शहीद की प्रतिमा, एक सरकारी नौकरी और शहीद के नाम पर सड़क बनवाने की मांग की - कोकराझाड़ में ऑपरेशन ट्रेनिंग के दौरान 16 जुलाई की रात पहाड़ी से गिरकर शहीद हुए थे लेफ्टिनेंट आकाश

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मेरठ

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lokesh verma

Aug 21, 2020

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मेरठ. असम में शहीद हुए लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी का परिवार शुक्रवार को कलक्ट्रेट में धरने पर बैठ गया। इस दौरान शहीद आकाश के परिजनों ने सरकार और प्रशासन से उसकी एक प्रतिमा, एक सरकारी नौकरी और शहीद के नाम पर सड़क बनवाने की मांग की। कलक्ट्रेट में धरने पर बैठे शहीद आकाश चौधरी के परिजनों के हाथ में मांग लिखे पोस्टर और आकाश का एक फोटो है। सुबह जैसे ही 10 बजे कलक्ट्रेट का गेट खुला। शहीद के परिजन भीतर पहुंच गए और कलक्ट्रेट परिसर में धरना देकर बैठ गए।

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बता दें कि मेरठ के रहने वाले लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी असम के कोकराझाड़ में ऑपरेशन की ट्रेनिंग के दौरान 16 जुलाई 2020 की रात पहाड़ी से गिरकर शहीद हुए थे। आकाश के परिजन मेरठ में कंकरखेड़ा के सिल्वर सिटी में रहते हैं। शहीद के पिता केपी सिंह ने बताया कि बेटे की शहादत के बाद से कोई भी उनका और उनके परिजनों का हालचाल पूछने नहीं आया है। उन्होंने बताया कि जिस समय आकाश का शव मेरठ लाया गया। उस दौरान सिखलाई रेजिमेंट के कमान अधिकारी कर्नल प्रताप सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

अब धरने पर बैठे पिता केपी सिंह, माता कमलेश और दोनों बहनों शिवानी व प्रियंका ने कहा कि उस दिन के बाद से आज तक किसी ने कोई सुध नहीं ली है। आकाश के चले जाने बाद से उनका परिवार बिखर गया है। केपी सिंह ने कहा कि हमारा जवान बेटा देश के लिए शहीद हुआ है। सरकार को और प्रशासन को हमारा ध्यान रखना चाहिए।

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