
Meerut Metro
Meerut Metro: मेरठ मेट्रो का पहला ट्रेनसेट दुहाई में NCRTC डिपो पहुंच गया। मेरठ मेट्रो के तीन डिब्बों के ट्रेनसेट को गुजरात के सावली से लाया गया है। अब, इसे असेंबलिंग और टेस्टिंग के लिए तैयार किया जा रहा है।
NCRTC के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने हाल ही में मेरठ मेट्रो ट्रेनसेट के फर्स्ट लुक का अनावरण किया था। इसके बाद एल्स्टॉम ने गुजरात के सावली में NCRTC को पहला ट्रेनसेट सौंपा था। यह पहली ट्रेन है, जो मेरठ मेट्रो के लिए डिपो में पहुंची है।
इस ट्रेनसेट को 'मेक इन इंडिया' के तहत भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया है। अत्याधुनिक तकनीकों से लैस मेरठ मेट्रो ट्रेन की अधिकतम गति 120 किमी प्रति घंटा है। मेरठ मेट्रो उत्तर प्रदेश के मेरठ के निवासियों के लिए एक सुरक्षित, तीव्र और आधुनिक परिवहन साधन की शुरुआत करने जा रहा है।
ट्रेनसेट के आने के साथ ही मेरठ मेट्रो का ट्रायल रन जल्द ही शुरू किया जाएगा। मेरठ मेट्रो लाइन 13 स्टेशनों के साथ 23 किमी लंबा है। अभी मेरठ मेट्रो का निर्माण तेजी से जारी है। इसके सभी स्टेशन आकार ले रहे हैं। देश में पहली बार है कि नमो भारत ट्रेन और मेरठ मेट्रो दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस के ही बुनियादी ढांचे पर चलेगी।
इसके लिए NCRTC ने वैश्विक रेल परिवहन में अग्रणी प्रयास करते हुए लॉन्ग टर्म इवोल्यूशन (एलटीई) पर हाइब्रिड लेवल-3 के साथ यूरोपीय ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ईटीसीएस) लेवल 2 की सिग्नलिंग प्रणाली अपनाई है।
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यह मेरठ के भीतर आरआरटीएस और मेट्रो सेवाओं को निर्बाध रूप से एकीकृत करके जनता को बेहतरीन सुविधाएं और सेवाएं देगा। ट्रेन वातानुकूलित हैं, इनमें आरामदायक बैठने की व्यवस्था, सामान रखने की रैक, ग्रैब हैंडल, यूएसबी डिवाइस चार्जिंग सुविधा और नए जमाने के यात्रियों के लिए आवश्यक अन्य कई सुविधाएं शामिल हैं।
मेरठ मेट्रो थ्री-कार (तीन डिब्बे) से मिलकर बनेगी। एक ट्रेन में 700 से ज्यादा यात्री सफर कर सकेंगे। मेरठ मेट्रो के ट्रेन अत्याधुनिक हल्के वजन और स्टेनलेस स्टील से निर्मित हैं। इसमें सीसीटीवी कैमरे, डायनमिक रूट मैप्स, इंफोटेनमेंट सिस्टम, ऑटोमेटिक लाइटिंग भी है।
Updated on:
29 Feb 2024 11:49 am
Published on:
29 Feb 2024 11:48 am
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