
मेरठ। नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर मुसलमानों (Muslims) में नाराजगी है। इसके विरोध में दिल्ली (Delhi) और अलीगढ़ (Aligarh) में बवाल के बाद कई स्थानों पर अलर्ट (Alert) जारी है और वहां की सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी कर दी गई है। मुस्लिम धर्म गुरु भी नागरिकता संशोधन कानून को लेकर नाराज हैं। नायब शहर काजी (Nayab Shahar Qazi) जैनुर राशिद्दीन (Zainur Rashiddin) का कहना है कि मुसलमानों और गैर मुसलमानों में इस कानून को लेकर नाराजगी है। यह कानून ऐसा बना दिया गया है कि देश में रहने वाले किसी व्यक्ति के कागजात पूरे नहीं है तो उसे विदेशी करार दिया जाएगा, जबकि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आने वाले गैर मुस्लिम लोगों को कागजात पूरे नहीं होने पर भी भारत (India) की नागरिकता (Citizenship) दी जाएगी। उन्होंने मांग की कि देश में रहने वाले हर धर्म के लोगों के लिए एक समान कानून हो।
मेरठ के नायब शहर काजी जैनुर राशिद्दीन ने कहा कि हिन्दुस्तान में रहने वाला हिन्दुस्तान का नागरिक है, जब एकता का दर्जा दिया जा रहा है तो ये नहीं बात कैसे पैदा की जा रही है। यह बहुत गलत है। उन्होंने कहा कि मुसलमानों के साथ गैर मुसलमानों में भी इस कानून के प्रति नाराजगी जताई जा रही है। उन्होंने कहा कि जामिया, अलीगढ़, सीलमपुर आदि में इस कानून के विरोध का तरीका गलत है। विरोध शांतिपूर्ण ढंग से होना चाहिए। क्योंकि इस तरीके के विरोध से सरकार को नुकसान है तो पब्लिक को भी नुकसान है।
नायब शहर काजी ने कहा कि देश के लोगों के लिए एक समान कानून बनना चाहिए। क्योंकि इस कानून के अंतर्गत यदि मुसलमानों के कागजात अधूरे होंगे तो उसे विदेशी करार दिया जाएगा। बाहर से आने वाले गैर मुसलमानों के कागजात पूरे नहीं होने पर उन्हें भारत की नागरिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह अलग मसला है, लेकिन जो भारत के रहने वाले हैं और किसी भी धर्म के हैं, उनके कागजात पूरे नहीं होने पर भी उन्हें भारत की नागरिकता मिलनी चाहिए।
Updated on:
18 Dec 2019 11:17 am
Published on:
18 Dec 2019 11:12 am
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