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स्पेशल: महिला पुलिसकर्मियों ने डंडा छोड़कर थामीं सिलाई मशीन, 6 सिपाही रोज बना रही हैं 1500 मास्क

locationमेरठPublished: Apr 04, 2020 03:18:50 pm

Submitted by:

sharad asthana

Highlights

Meerut की पुलिस लाइन में तैयार हो रहे हैं मास्क
छह महिला पुलिसकर्मी सिल रही हैं मास्क
कुछ सिपाही पैक करके भेज रहे अपने साथियों को

 

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मेरठ। कोरोना वायरस को हराने के लिए सभी अपनी—अपनी तरह से योगदान दे रहे हैं। आम लोग घर में रहकर तो पुलिसकर्मी व स्वास्थ्यकर्मी अपनी ड्यूटी देकर इस महामारी को हराने में लगे हुए हैं। वेस्ट यूपी के कई जिलों में पुलिसकर्मी जहां लॉकडाउन का पालन कराने के लिए सड़कों पर दौड़ लगा रहे हैं, वहीं वे पीआरवी में राशन लेकर भूखों का पेट भी भर रहे हैं। इतना ही नहीं कुछ जिलों में महिला पुलिसकर्मी अपनी इच्छा से मास्क भी बना रही हैं।
25 मामले सामने आ चुके हैं मेरठ में

कोरोना वारयस की इस विपत्ति के बीच पुलिसकर्मी हमारी मदद के लिए सदैव तत्पर हैं। कहीं वे भूखों को खाना खिला रहे हैं तो कहीं जरूरतमंदों को दवा दे रहे हैं। इसके अलावा मेरठ पुलिस लाइन में मास्क भी बनाए जा रहे हैं। वैसे भी मेरठ में अब तक कोरोना के 25 मामले सामने आ चुके हैं। इस लिहाज से यूपी में उसका नंबर दूसरा है। मेरठ से ज्यादा 55 मामले गौतम बुद्ध नगर में सामने आए हैं। इस से देखा जाए तो मेरठ में पुलिसकर्मी अपनी जान पर खेलकर जनता की सेवा में लगे हुए हैं। इन पुलिसकर्मियों को इस माहामारी से लड़ने में उनके ही विभाग के साथी मदद कर रहे हैं।
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अपनी इच्छा से कर रही हैं सहयोग

मेरठ पुलिस लाइन में रोजाना करीब 1500 मास्क तैयार किए जा रहे हैं। इसमें सहयोग कर रही महिला पुलिसकर्मी अपनी इच्छा से इस काम में जुटी हैं। जबकि पुलिस लाइन से ही दो टेलर भी इसमें अपना योगदान दे रहे हैं। इस वजह से मेरठ में पुलिसकर्मियों को मास्क की किल्लत से नहीं जूझना पड़ रहा है। आईआई होरीलाल का कहना है कि पुलिस लाइन में छह महिला पुलिसकर्मी और दो टेलर मास्क बनाने का काम कर रहे हैं। यहां रोजाना करीब 1500 मास्क बनए जा रहे हैं। इसके लिए कपड़ा दुकान से आता है।
मशीनें भी पुलिसकर्मियों की हैं

उन्होंने कहा कि जो महिला पुलिसकर्मी सिलाई का काम जानती थीं, उन्होंने अपनी इच्छा से इस काम को करने की सहमति दी है। दुकान से कपड़ा आता है, जिसे काटकर व सिलकर मास्क तैयार किया जाता है। इसमें किसी भी बाहरी व्यक्ति का सहयोग नहीं लिया गया है। मशीनें भी पुलिसकर्मियों की हैं। उनके अलावा कुछ सिपाही मास्क को पैकेटों में पैक करते हैं। इसके बाद इन पैकेटों को थाने, चौकी और गांवों में तैयार पुलिसकर्मियों के पास भेजा जाता है।
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रोज 20 हजार लोगों को खाना खिलाने का दावा

मेरठ महिला पुलिसकर्मी केवल मास्क ही नहीं बल्कि गरीबों व जरूरतमंदों के लिए खाना भी बना रही हैं। दावा है कि मेरठ पुलिस रोजाना करीब 20 हजार लोगों को खाना खिला रही है। इसके लिए कंकरखेड़ा, नौचंदी, परतापुर और सदर बाजार में खाना तैयार किया जा रहा है।
सहारनपुर में भी बनेंगे मास्क

मेरठ के अलावा सहारनपुर पुलिस ने भी मास्क तैयार करने की योजना बनाई है। सहारनपुर के आरआई अजय श्रीवास्तव का कहना है कि कल से उनके यहां भी मास्क बनने शुरू हो जाएंगे। इसके लिए शनिवार को टेलर कपड़ा लेने के लिए दुकान गया है। मास्क बनाने के लिए वे सूती हरे रंग के कपड़े का इस्तेमाल करते हैं और ये थ्री लेयर मास्क होते हैं।

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