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Hanuman Jayanti 2022 : जीवन की सभी आपदाओं को दूर करने के लिए ऐसे करें हनुमान की पूजा

Hanuman Jayanti 2022 भगवान श्रीराम का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी को हुआ तथा तुरंत उनकी सेवा के लिए भगवान शिव का ग्यारहवां रूद्र अवतार हनुमान के रूप में चैत्र शुक्ल पूर्णिमा पर प्राकट्य हुए। ऐसे राम भक्त हनुमान की जयंती ब्रह्मचर्य पूर्वक राम, सीता, हनुमान का जाप करते हुए हनुमान जी के चरित्र का बखान व कीर्तन करते हुए करनी चाहिए। इस बार हनुमान जयंती पर विशेष संयोग बन रहे हैं। पूजन में लाल व पीले वस्त्र, केसरयुक्त चंदन, मूंज की यज्ञोपवीत, विशेष शुभ प्रभावी होती है।

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मेरठ

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Kamta Tripathi

Apr 15, 2022

Hanuman Jayanti 2022 : जीवन की सभी आपदाओं को दूर करने के लिए ऐसे करें हनुमान की पूजा

Hanuman Jayanti 2022 : जीवन की सभी आपदाओं को दूर करने के लिए ऐसे करें हनुमान की पूजा

Hanuman Jayanti 2022 चैत्र शुक्ल पूर्णिमा से बैसाख मास का स्नान भी प्रारम्भ हो जाता है अतः सूर्य उदय से पहले उठ कर ”ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नमः“ जप कर किया गया स्नान तथा पंखा, खरबूजा, फल, नया अनाज आदि का दान प्रातः प्रथम प्रहर 9ः00 बजे से पूर्व कर लेने से स्कंन्धपुराण अनुसार आध्यात्मिक उत्थान के भी योग बना पाते हैं।

दूसरी हनुमान जयंती दीपावली से एक दिन पहले कार्तिक अमावस्या कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को मनायी जाती है क्योंकि राम रावण युद्ध में बिलकुल विपरीत परिस्थितियों में लंका विजय करके इस प्रकार लौटे थे बजरंगबली कि उनका नए जन्म की तरह वानरों ने जन्मोत्सव की तरह महाउत्सव मनाया था। तब पुष्पक विमान से अगले दिन दीपावली पर अयोध्या पधारे थे। इस प्रकार अंजनी पुत्र के रूप में जन्म चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को तथा उनके बल, बुद्धि, शोर्य के साथ पुनः सुरक्षित लौट आना उनके पराक्रम का राम की सेवा के रूप में जन्म था इसलिए दोनों जन्मोत्सव का अपना अलग ही महत्व होता है।

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ये करें इस हनुमान जयंती पर विशेष
पंडित भारत ज्ञान भूषण के अनुसार सूर्योदय पश्चात प्रातः किया पूजन विशेष -दिनांक 16 अप्रैल दिन शनिवार को इस वर्ष चैत्र पूर्णिमा तिथि है। अतः शनिवार की प्रातः से ही हनुमान जयंती है। इस दिन हनुमान जयन्ती पर हनुमान जी को केवल पुरूष वाचक पुष्प जैसे गेंदा हजारा गुलाब आदि के फूल चढाने से अत्यन्त बलशाली शुभतायें बढती है। स्त्रीवाचक फूल जैसे जूही, चमेली आदि नही चढ़ाने चाहिए। प्रसाद के रूप में चूरमा, केला, अमरूद का भोग चढ़ाना लाभकारी योग बनाता है। दोपहर तक कोई भी नमकीन चीज नही खानी चाहिए। प्रातः हनुमान जी को चोला चढायें, हनुमान मन्दिर में गाय के घी का दीप जलायें। सुबह चोला चढाने से जीवन में शुभतायें बढती है। और बहुत सारी आपदाओं से भी बचाता है।

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इस हनुमान जयन्ती पर ये है ग्रहों का प्रभाव
उपरोक्त कार्य श्रद्धापूर्वक करने पर विशेष रूप से सूर्य, मंगल, शनि, राहु के कुप्रभावों में शिथिलता आ जाती हैI रवि योग, हर्षण योग, इष्ट व चित्रा नक्षत्र दोनों ही क्रमशः प्रभावी रहेंगे जिससे लक्ष्मी योग के साथ नए कार्यों की शुरुआत शुभ व लाभकारी हो सकेगीI सूर्योदनी चैत्र पूर्णिमा पर लग्न में उच्च के सूर्य बुध के साथ बुधादित्य योग बना कर विशेष व्यक्तित्व विकास के योग निर्मित हो रहे हैं तथा कार्यक्षेत्र में स्वराशि के शनि तकनीकी, मशीनरी व निर्मा क्षेत्र में बढ़ोत्तरी के शुभ योग बना रहे हैं इस शनिवारीयहनुमान जयन्ती पर। इसमें दक्षिणमुखी विशेषतः पंचमुखी हनुमान विशेष फलदायी हैं। ध्यान रहे इस संवत्सर के राजा शनिदेव ही हैं तथा हनुमान जयंती भी शनिवार की है जिससे शनिदेव आपके पाप दोषों से राहत प्रदान करने की सामर्थताला पाते हैं जिससेशनि की ढईया व साढ़े साती भी कम कुप्रभावी हो जाती है।