
मेरठ। 'चिलचिलाती धूप में जब आप प्यास से बेहाल हों, ऐसे में चंद घूंट ठंडा पानी मिल जाए या सख्त गर्मी में ठंडी हवा का झोंका आ जाए तो ताजगी आ जाती है। कुछ ऐसी ही ताजगी हमें आज के उलझे हुए हालातों पर दिखानी है जो कि सिर्फ और सिर्फ अमन पसंदी कौमी भाईचारे से ही मुमकिन है।' यह बातें मस्जिद गुजरी बाजार स्थित मदरसा में कार्यक्रम के दौरान हैदराबाद से आए मौलाना गुलजार ने कहीं। इस कार्यक्रम में देश और प्रदेश के कई मुस्लिम धर्मगुरूओं ने भाग लिया।
मौलाना गुलजार ने कहा कि हमारे मुल्क में कुछ मसलों को लेकर फिरकापरस्त और मजहबी फसाद फैलाए जा रहे हैं। गड़े मुर्दे उखाड़ कर उनके नाम पर हंगामा बरपाया जा रहा है। स्वार्थी मनसूबों की सियासत से इंसानियत को कुचला जा रहा है। झूठ, फरेब और मक्कारी के बल पर लोगों में अफवाह फैलाकर उनको गुमराह किया जा रहा है। अमन और शांति से रहने वाले लोग मुल्क की तरक्की और शांत हालात देखकर खुश हैं। ऐसे में मजहबी एकजुट की अपील करना, जिसमें सभी मजहब के लोग अमन, शांति और आपसी भाईचारे की बातें करें।
उन्होंने कहा कि यह फिरकापरस्त झुलसती गर्मी में ठंडी हवा का एक झोंका ही है। सभी धर्मों के लोगों को यह समझना चाहिए कि मजहब एक नूर है, दहशतगर्दी एक अंधेरा है। दहशतगर्दी की शक्ल ही दहशत जैसी है। जिसमें बेवजह लोगों को फंसा दिया जाता है। इसलिए सभी मजहबी लोगों को अफवाहों की सख्त मजम्मत करनी चाहिए। सभी को वतनपरस्ती की मिसाल कायम करनी चाहिए। जिस तरह से इस्लाम में जानवर पर जुल्म करना गलत है और जो मजहब दरिंदों पर जुल्म करने को भी मना करता है वो इंसानियत पर कैसे जुल्म कर सकता है। हमें इस नाजुक दौर में किसी भी हिंसक गतिविधियों से परहेज करना है और दूसरे गुमराहों को भी नेक राह दिखाकर मुल्क की तरक्की में भागीदार बनना है।
Published on:
10 Feb 2020 01:11 pm
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