
मेरठ. भारत की गंगा-जमुनी तहजीब पूरी दुनिया में मशहूर है। जब भी देश पर संकट आया इस देश के चार स्तंभ हिन्दू, मुस्लिम, सिख और इसाई मजबूती के साथ खड़े रहे। जैसे आज कोरोना काल में लड़ रहे हैं। ऐसी कई लड़ाईयां हमने मिल-जुलकर पहले भी लड़ी है। ये कहना है मुस्लिम राष्ट्रीय मंच महिला प्रकोष्ठ की राष्ट्रीय संयोजिका शाहीन परवेज का। शाहीन परवेज के नेतृत्व में मुस्लिम कार्यकर्ताओं ने रामलला के लिए एक राखी तैयार की है। यह राखी मेरठ से रामलला के लिए अयोध्या भेजी जाएगी।
शाहीन परवेज ने बताया कि राखी के चारों ओर राम लिखा है। यह राखी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की मुस्लिम बहनों ने अपने हाथ से तैयार की है। इस राखी में उनके देश प्रेम और राम भक्ति की भावना जुड़ी है। शाहीन परवेज कहती हैं कि रामलला किसी एक समुदाय के नहीं हैं। वे देश की 130 करोड़ जनता के आस्था का प्रतीक हैं। जैसा मक्का-मदीना और वेटिकन सिटी एक हैं। ऐसे ही राम जन्म स्थान भी एक है। रामजन्म भूमि पर मंदिर का निर्माण देश की 130 करोड़ जनता की जीत है। इसे मुस्लिमों ने सच्चे दिल से स्वीकार किया है। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को मुस्लिमों ने भी स्वीकारा है। जिन लोगों ने नहीं स्वीकारा वे सांप्रदायिकता वादी हैं। वे देशप्रेमी नहीं है। देश के सभी समुदायों ने सांप्रदायिक सौहार्द को कायम रखा है। इसलिए यह राखी अपने हाथों से बनाकर हम मुस्लिम बहनों को रामलाल के लिए अपने दिल का प्रेम और आस्था को पेश किया है।
उन्होंने कहा कि हमारे रामलला टेंट से मुक्ति पा चुके हैं। शाहीन कहती हैं कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की बहनों ने देश को सौहार्द का एक पैगाम दिया है। यह राखियां एक प्रेम की लड़ी हैं। वो प्रेम जो रामलला के प्रति इन राखियों के माध्यम से दर्शाया गया है। हमें उम्मीद हैं कि हमारी बनाई राखियों को रामलला स्वीकार कर हमको अपना आशीर्वाद प्रदान करेंगे। उन्होने कहा कि मुस्लिम बहनों ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक इंद्रेश और पीएम मोदी के लिए भी तैयार की है। उनको भी राखियां भेजी जा रही हैं।
Published on:
26 Jul 2020 11:54 am
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