
नागपंचमी 2023
Nagpanchami 2023: इस बार नागपंचमी 21 अगस्त 2023 को मनाई जाएगी। नागपंचमी पर इस बार कई विशेष योग और नक्षत्र लग रहे हैं। इसके अलावा इस बार सावन में अधिमास और मलमास के चलते नागपंचमी का विशेष महत्व है। नागपंचमी में इस बार शुक्ल योग और चित्रा नक्षत्र लग रहा है। जिसमें पूजा का मिलेगा विशेष फल मिलेगा। जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प दोष है। उनको इस बार नागपंचमी में पूजा का विशेष फल प्राप्त होगा। ज्योतिषाचार्य भारत ज्ञान भूषण के अनुसार इस बार 40 साल बाद बुधादित्य योग में नागपंचमी पर्व मनाया जाएगा। द्वितीय शुद्ध श्रावण शुक्ल पक्ष की नागपंचमी सोमवार के दिन चित्रा नक्षत्र, शुभ योग, बव करण व कन्या राशि के चंद्रमा की साक्षी में 21 अगस्त को है। नागपंचमी के दिन ग्रहों में शुक्र का बाल्यत्व समाप्त होगा और बुध वक्री होंगे। इस दिन कुल तथा लोक परंपरा के अनुसार नाग देवता के पूजन की मान्यता है।
खास योग और गोचर
ग्रह गोचर की गणना के मुताबिक देखे तो 21 अगस्त सोमवार के दिन सूर्य व बुध सिंह राशि में रहेंगे। सिंह राशि के अधिपति स्वयं सूर्य हैं और वो बुध के मित्र हैं। सूर्य व बुध की युति जब साथ में रहती है तो बुधादित्य योग का निर्माण करती है। बुधादित्य योग में आने वाला पर्व अथवा त्योहार विशेष इसलिए भी हो जाता है। कर्म की साक्षी के प्रधान देवता व प्रकट देवता भगवान सूर्यनारायण हैं।
इसी के साथ बुध कार्य की सिद्धि व सफलता को देने वाला है संयोग से नाग की पूजन के लिए बुध का अनुकूल होना नाग पूजन के लिए श्रेष्ठ माना जाता है। बुध आदित्य योग कार्य की सफलता के लिए अनुकूल बताया गया है।
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अहोरात्र काल रहेगा चित्रा नक्षत्र
नक्षत्र गणना के अनुसार इस दिन चित्रा नक्षत्र की साक्षी अहोरात्र पर्यंत रहेगी इस नक्षत्र का अधिपति विश्वकर्मा है। जिन्हें त्वष्टा कहते है। जिन लोगों को भूमि भवन संपत्ति में बाधा आ रही हो तो वे लोग भी इस नक्षत्र की साक्षी का लाभ ले सकते हैं।
Published on:
03 Aug 2023 06:31 pm
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