9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

यहां दहकते अंगारों पर नंगे पांव चलीं महिलाएं, देखें दिल दहला देने वाला हैरतअंगेज वीडियो-

हस्तिनापुर में माता शीतला के पांच दिवसीय महोत्सव दिखा हैरान कर देने वाला नजारा

2 min read
Google source verification

मेरठ

image

lokesh verma

Mar 20, 2018

meerut

मेरठ. कहते हैं जब इंसान भक्ति में लीन होता है तो वह सब कुछ भूल जाता हैै। हर विपत्ति और हर परिस्थिति पर आस्था भारी हो जाती है। तभी तो धर्म कोई भी हो, लोग आस्था के प्रति वशीभूत होकर नंगे पांव दहकते हुए अंगारों के ऊपर से भी निकल जाएंगे और उनके पैरों में न तो छाले पड़ेंगे और न उनके मुंह से उफ तक निकलेगी। यह सुनने में अटपटा सा तो जरूर लगता है। लेकिन, यह बिल्कुल सत्य है। मथुरा की फलैन होली के बारे में जरूर सुना होगा कि युवक जलती होली के बीच से निकलता है, लेकिन आज तक किसी ने देखा नहीं। वहीं मेरठ के हस्तिनापुर में जो हुआ वह आपको इस वीडियो में जरूर दिखाई देगा।

यह भी पढ़ें- बड़ी खबर: संगम एक्सप्रेस में बम मिलने की सूचना से मचा हड़कंप, खाली कराई गई पूरी ट्रेन

शीतला माता की पांच दिवसीय पूजा महोत्सव

दरअसल, हस्तिनापुर में माता शीतला का पांच दिवसीय महोत्सव मनाया जा गया। इस महोत्सव के अंतिम दिन मंदिर के प्रांगण के दरवाजे बंद कर श्रद्धालुओं ने कार्यक्रम मनाते हैं और शीतला माता को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के जतन करते हैं। शीतला माता के इस महोत्सव में पश्चिम बंगाल से सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु अपने परिवार के साथ यहां आते हैं। सबसे ज्यादा गौर करने वाली बात ये है कि इस पूजा महोत्सव के अंतिम दिन ये श्रद्धालु दहकते अंगारों पर नंगे पांव चलते हैं। इसके माध्यम से ये लोग देवी के प्रति अपनी भक्ति का प्रदर्शन करते हैं। इससे माना जाता है कि मां उनकी इस भक्ति से प्रसन्न होती हैं। वहीं अंगारों पर चलने वालों में महिलाओं की संख्या अधिक होती है।

यह भी पढ़ें- आजम खान पर लगे ये गंभीर आरोप, योगी सरकार कस सकती है शिकंजा

इसके लिए सबसे पहले मंदिर प्रांगण में दस फीट लंबा गड्ढा खोदा जाता है और उसमें जलते हुए कोयले डाल दिए जाते हैं। इसके बाद उन दहकते अंगारों के ऊपर महिलाएं शीतला माता की जय करती हुए निकलती हैं। ये अलग बात है कि पांच दिन चलने वाले इस महोत्सव से मीडिया को दूर रखा जाता है। इसके अतिरिक्त इस महोत्सव में लोहे के शूलों से भेदकर मां के प्रति भक्ति भी प्रदर्शित की जाती है।

यह भी पढ़ें- इस हाल में मिले महिला और बच्चे के शव कि देखने वालों की कांप गई रूह