20 जुलाई 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

सतत योजना से मेरठ में रोजगार के नए द्वार, किसानों को भी मिला फायदा

केंद्र सरकार ने 2018 में सतत (सस्ती परिवहन के लिए सतत विकल्प) योजना शुरू की थी। इसका मुख्य उद्देश्य टिकाऊ और सस्ते परिवहन ईंधन के रूप में कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी) के उत्पादन और उपयोग को बढ़ावा देना है। सरकार की यह पहल अब जमीनी स्तर पर सफल होती दिख रही है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ रहे हैं।

मेरठ

Aman Pandey

Jun 21, 2025

Meerut
सतत योजना से मेरठ में उर्जा के साथ साथ रोजगार के क्षेत्र में भी वृद्धि हो रही है। (Photo-IANS)

सततयोजना अक्टूबर 2018 में पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन जैसी सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों के सहयोग से शुरू की गई थी। मेरठ में भी योजना के तहत प्लांट लगा हुआ है, जिससे स्थानीय किसान और युवा लाभान्वित हो रहे हैं।

जैविक अपशिष्ट से बना सीबीजी बना ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार

मेरठ स्थित कंपनी एचपीआरजीई के सीईओ मोहित धवन ने कहा, "हमारे पास जो जैविक अपशिष्ट होते हैं, उसे पहले वेस्ट माना जाता था। अब उन सभी चीजों को एकत्रित करके केमिकल प्रोसेस द्वारा वेल्थ के रूप में क्रिएट किया जा रहा है। सतत स्कीम में कोई भी इंटर करके इस सीबीजी प्लांट को लगा सकता है।"

ऐसे होता है पूरा प्रोसेस

कार्बन सर्किल प्राइवेट लिमिटेड, जो मेरठ के मवाना में स्थित है, के निदेशक अंकुर जग्गी ने कहा कि बेसिकली प्रेस मड, जो की शुगर फैक्ट्री का एक बाय प्रोडक्ट होता है, उससे और गाय के गोबर के मिश्रण गैस बनाई जाती है।

जीपीएमओपी एंड एनजी के निदेशक विकास सिंह ने कहा, "सतत एनर्जी का मुख्य उद्देश्य है वेस्ट से एनर्जी बनाना, चाहे वह परली हो सुगरकेन इंडस्ट्री हो या फिर म्युनिसिपल सॉलिड वेस्ट हो, जो घरों से निकलता है , या फिर गोबर जिससे हम गैस बना सकते हैं।"

युवाओं को मिला स्थानीय रोजगार

सर्किल सीबीजी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक ललित कुमार जग्गी ने बताया कि अगर हम वेस्ट से एनर्जी नहीं बनाएंगे तो यह ऐसे ही पड़ा रहेगा, जो पर्यावरण के लिए अच्छा नहीं है। आदेश कुमार भाटी ने कहा कि सरकार की इस स्कीम से रोजगार बढ़ा है। क्षेत्र में उद्योग लगने से ड्राइवर, कंडक्टर, मजदूरों के लिए खुशी आई है। प्लांट में स्नातक स्तर के पढ़े लिखे लोग भी नौकरी कर रहे हैं।

समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए अरुण कुमार ने कहा कि 'सतत स्कीम' से हमें बहुत फायदा हुआ है। मुझे ठेकेदार का काम मिला है, जिससे मुझे बहुत फायदा हुआ। मेरे ट्रैक्टर भी यहां चल रहे हैं। मेरे मजदूर यहां लगे हुए हैं। मैं खाद बाहर भी भेज रहा हूं। यहां के स्थानीय निवासियों और किसानों को काफी फायदा हुआ है। ऐसे प्रोजेक्ट लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धन्यवाद और बधाई के पात्र हैं।

यह भी पढ़ें: केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी का बिजनौर दौरा आज, मुस्लिम इंटर कॉलेज के नए भवन का करेंगे शिलान्यास

खेतों में जैविक खाद का बढ़ा उपयोग

जोगिंदर सिंह ने कहा कि हम यहां से जैविक खाद ले जाते हैं। खाद अपने खेतों के साथ-साथ दूसरे किसानों के यहां भी पहुंचाते हैं। स्थानीय लोगों को इससे काफी रोजगार मिला है। हमारे खुद के टैंक अब यहां पर चलने लग गया है और हमें भी रोजगार मिला है और खेती को बहुत लाभ मिला है जैविक खाद से। इसके लिए हम प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा करते हैं।मोहित चौधरी ने कहा, "हम यहां टैंकर चलते हैं। हमारा खुद का टैंकर है। हम जैविक खाद किसानों के यहां और अपने यहां भी लेकर जाते हैं। इसे फायदा हुआ है।" शहाबुद्दीन सैफी ने कहा, "मैं इस कंपनी में ड्राइवर हूं। इस प्लांट से हमें बहुत फायदा हुआ। अपने घर के पास रोजगार मिला