
मेरठ। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को बजट 2020 पेश किया। इस दौरान उन्होंने पांच पुरातात्विक जगहों को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की बात कही। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि पांच राज्यों में स्थित पांच प्रतिष्ठित पुरातात्विक स्थलों को संग्रहालयों के साथ विकसित किया जाएगा।
उन्होंने जिन पांच पुरातात्विक स्थलों के विकास का ऐलान किया, उनमें राखीगढ़ी (हरियाणा), महाभारत काल का हस्तिनापुर (उत्तर प्रदेश), शिवसागर (असम), धोलावीरा (गुजरात) और आदिचनल्लूर (तमिलनाडु) शामिल है। हस्तिानापुर में आनसाइट म्यूजियम बनाए जाने की घोषणा से सैकड़ों वर्षों से उपेक्षित ये एतिहासिक स्थल फिर से देश की धरोहर बन सकेगा।
बता दें कि हस्तिनापुर की धरती ऐसे कई रहस्यों से भरी है। यहां आज भी वह वटवृक्ष मौजूद है जिसके बारे में मान्यता है कि इस वृक्ष को भीम ने रोपित किया था। वह कुआं आज भी मौजूद है जहां पांडव स्नान किया करते थे। साथ ही वह स्थान भी मौजूद है जहां कभी हस्तिनापुर का महल हुआ करता था। बता दें कि इससे पहले योगी सरकार ने हस्तिनापुर में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की बात कही थी। हस्तिनापुर सेंचुरी में वन विभाग भी ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने की तरफ बढ़ रहा है। कोशिश की जा रही है कि हस्तिनापुर सेंचुरी में पर्यटकों की चहलकदमी बढ़े। इसके लिए वन विभाग ने हस्तिनापुर स्थित वानिकी प्रशिक्षण केन्द्र परिसर में गंगा व्याख्यान केन्द्र खोला है। साथ ही पर्यटकों को जंगल और वन्य जीवों की झलक भी देखने को मिलेगी।
हस्तिनापुर पर शोध कर रहे प्रयांक भारती ने बताया कि धार्मिक कथाओं की मानें को महाभारत काल की कहानियों में इस श्राप का जिक्र है। करीब 5 हजार साल पुराने इस श्राप का ही असर है कि देश की राजधानी के इतना पास होने के बावजूद ये क्षेत्र आज तक विकास को तरस रहा है। महाभारत काल में हस्तिनापुर पांडवों की राजधानी था। जुए के खेल में युधिष्ठिर कौरवों से सब कुछ हार गए थे। इसके बाद पांडवों को 12 साल के वनवास और एक साल के अज्ञातवास पर जाना पड़ा। कहा जाता है कि जब पांडव वनवास के लिए निकल रहे थे तो सभा में मौजूद विदुर ने द्रौपदी और सभी पांडवों की भाव भंगिमाओं को देखकर उसी सभा में कौरवों और हस्तिनापुर के विनाश की भविष्यवाणी की थी।
Published on:
01 Feb 2020 04:26 pm
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