
मेरठ। कोरोना संक्रमण के दौर में आनलाइन सामान की डिलीवरी बढ़ी है। लोग घर बैठे खाने का सामान आर्डर कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर आनलाइन पेमेंट का भी ग्राफ बढ़ा है। एटीएम और बैंक में लोग संक्रमण के कारण नहीं जा रहे हैं। अधिकांश लोग आनलाइन ही पेमेंट कर रहे हैं। ऐस में साइबर अपराधी भी सक्रिय हो गए हैं। साइबर अपराधियों ने लोगों के खाते से रुपये उड़ाने का दूसरा तरीका अपना लिया है। अब वे किसी को फोन कर या मैसेज भेजकर रुपये नहीं उड़ा रहे। बल्कि वे इस इंतजार में हैं कि कब आनलाइन पिज्जा या अन्य चीजों के लिए आर्डर करें और आनलाइन पेमेंट करेंं। इसी आनलाइन पेमेंट के दौरान ही वे खाते में बची पूरी रकम साफ कर रहे हैं। एनसीआर में इस प्रकार के सैकड़ों मामले सामने आ चुके हैं। एडीजी मेरठ राजीव सब्बरवाल ने साइबर अपराधियों पर शिकंजा कसने के लिए साइबर सेल को अत्याााधिक सक्रिय रहने के लिए कहा है।
मेरठ जोन के साइबर एक्सपर्ट कर्मवीर सिंह ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के शुरुआती दौर में साइबर अपराधियों ने कोरोना वेक्सीनेशन के बहाने लोगों के खातों से रकम उड़ाई। कोरोना संक्रमण बढ़ने पर अस्पताल में वेंटिलेटर युक्त बेड, रेमडेसिविर इंजेक्शन और ऑक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध कराने के नाम पर काफी लोगों को अपना शिकार बनाया। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सरकार कोरोना कर्फ्यू की घोषणा की तो साइबर जालसाजों ने अब ऑनलाइन आर्डर करने वाले लोगों को ठगी का शिकार बनाना शुरू कर दिया है। पुलिस के पास अब तक आई शिकायतों में पिज्जा डिलीवरी के नाम पर ठगी के मामले हैं।
इस तरह कर रहे ठगी
साइबर एक्सपर्ट कर्मवीर सिंह का कहना है कि साइबर अपराधियों ने धोखाधड़ी करने के लिये गूगल पर ऑनलाइन पिज्जा आर्डर के लिये अपने नंबर डाल रखेें है। जैसे ही व्यक्ति ऑनलाइन पिज्जा के लिए गूगल पर सर्च करता है तो साइबर अपराधियों के नंबर निकलकर आ जाते हैं। कॉल करने पर कॉलर के नंबर पर लिंक भेजकर पेमेंट के लिये कहा जाता है। जैसे ही व्यक्ति खाते या एटीएम की डिटेल्स डालता है, वह साइबर अपराधियों के पास पहुंच जाती है और वह आसानी से कॉलर के खाते से मनमाने तरीके से रकम निकाल लेते हैं।
ये बरते सावधानी :—
- हमेशा ऑनलाइन खरीदारी के लिए कैश ऑन डिलीवरी का विकल्प चुनें।
- ऑनलाइन ऑडर्र के लिए आधिकारिक बेवसाइट से ही संपर्क सूत्र प्राप्त करके कॉल करें।
- किसी के अंजान व्यक्ति के कहने पर अपने बैंक, एटीएम कार्ड की जानकारी ऑनलाइन व फोन कॉल पर शेयर न करें।
- गूगल से प्राप्त नंबर कौन सी कंपनी, प्रदेश और सर्किल का है, इसका पता शाप्लस एप के जरिए आसानी से किया जा सकता है।
Published on:
05 May 2021 12:24 pm
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